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RSS स्थापना दिवस: कैलाश सत्यार्थी बने मुख्य अतिथि, भागवत बोले- भारत फिर से बन सकता है विश्वगुरू

Special Coverage News
18 Oct 2018 4:53 AM GMT
RSS स्थापना दिवस: कैलाश सत्यार्थी बने मुख्य अतिथि, भागवत बोले- भारत फिर से बन सकता है विश्वगुरू
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RSS Chief Mohan Bhagwat (Photo : Twitter)
संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद हैं. कैलाश सत्यार्थी बतौर मुख्य अतिथि यहां पहुंचे हैं?

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) आज (गुरुवार) नागपुर के अपने मुख्यालय में वार्षिक विजयादशमी उत्सव (#RSSVijayaDashami) और अपना 93वां स्थापना दिवस मना रहा है. इस मौके पर नागपुर में संघ द्वारा पथ संचलन (रूट मार्च) का आयोजन किया गया. संघ प्रमुख मोहन भागवन की मौजूदगी में स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया. इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद हैं. कैलाश सत्यार्थी बतौर मुख्य अतिथि यहां पहुंचे हैं.

संघ स्थापना दिवस के साथ ही विजयादशमी उत्सव भी मना रहा है। इस मौके पर संघ प्रमुख द्वारा शस्त्र पूजन भी किया गया.

मोहन भागवत ने कहा, भारत फिर से बन सकता है विश्वगुरू

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक बार फिर विश्वगुरू बन सकता है. देश में एक भयानक आंधी बाबर के रूप में आई थी जिसने हमारे देश के हिंदू-मुसलमानों को नहीं बख्शा. उसके नीचे समाज रौंदा जाने लगा.

भागवत ने कहा कि हमारे देश में राजनीति को लेकर कई प्रयोग हुए. महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के आधार पर राजनीति की कल्पना की. इसी नैतिक बल के कारण ही देश अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट हुआ.

उन्होंने कहा कि हम किसी की शत्रुता नहीं करते हैं, लेकिन दुनिया में हमारी शत्रुता करने वाले लोग हैं. इसलिए उनके लिए कुछ तो करना पड़ेगा.

मोहन भागवत ने कहा कि पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हुआ लेकिन उसकी हरकतों में कोई अंतर नहीं आया. हमें इतना बलवान होना पड़ेगा ताकि कोई हमारे ऊपर आक्रमण करने की हिम्मत ना कर पाए. हाल के वर्षों में दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है. उन्होंने कहा कि हमने अपना देश सरकार को नहीं सौंपा है, देश हमारा ही है. सरकार सबकुछ नहीं करती है, उसे कुछ कामों की गति बढ़ानी चाहिए.




कैलाश सत्यार्थी बोले, मैं संघ का आभारी हूं

कार्यक्रम में शामिल हुए कैलाश सत्यार्थी ने विजयादशमी और संघ के स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई दी और कहा, 'आपने मुझे अपने स्थापना दिवस पर यहां आमंत्रित करके भारत के ही नहीं, बल्कि विश्व के करोड़ों वंचित और शोषित बच्चों की तरफ सम्मान, प्रेम और करुणा का हाथ बढ़ाया है. मैं उन सबकी तरफ से आपका ह्रदय से आभारी हूं.'

इस दौरान उन्होंने कहा कि आज से करीब 35 साल पहले जब वह एक मैगजीन में काम कर रहे थे, तब एक छोटी बच्ची को बेचा जा रहा था और इस घटना ने उनके विचारों को बदल दिया. उन्होंने आगे कहा कि इस दौर में दुनिया में बच्चों के लिए अच्छा माहौल नहीं है, लेकिन हमारे देश में हमेशा बच्चों को भगवान के रूप में देखा गया है. भारत में लगातार बच्चों के मुद्दों को लेकर तरक्की हुई है. हमारे यहां बाल मजदूरी की संख्या में भी कमी आ रही है. साथ ही, उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए जिस पंचामृत की जरूरत है, उसमें संवेदनशील भारत, समावेशी भारत, सुरक्षित भारत, स्वावलंबी भारत और स्वाभिमानी भारत शामिल है.

बता दें कि संघ की ओर से हर साल की तरह इस साल भी विजयादशमी उत्सव में शस्त्र पूजन किया जा रहा है. अपने स्थापना दिवस को संघ पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाता है. इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत स्वयंसेवकों की मौजदूगी में अपना वार्षिक भाषण भी देंगे. कार्यक्रम में देश-विदेश से कई कार्यकर्ता शामिल होते हैं.


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