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वीर सावरकर के पोते सीएम से मिलने पहुंचे, उद्धव नजरअंदाज करके निकल गए..नहीं दिया एक मिनट का भी समय
मुंबई: कांग्रेस सेवा दल की ओर से आपत्तिजनक किताब बांटे जाने से नाराज वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर शुक्रवार को महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे से मिलने पहुंचे. उन्हें उम्मीद थी कि वीर सावरकर को अपना आदर्श बताने वाली शिवसेना के सीएम उद्धव ठाकरे उनकी बात जरूर सुनेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
रंजीत सावरकर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की. हालांकि उन्होंने उद्धव ठाकरे पर उनकी बात न सुनने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'मैं सीएम से मिलने आया था. मैंने उनसे मुलाकात करने के लिए कई बार अनुरोध भेजा, लेकिन मैं आज उनसे नहीं मिल सका. सावरकर जी के सम्मान को लेकर उनके पास बात करने के लिए एक मिनट का भी समय नहीं है, मैं बेहद निराश हूं. यह सावरकर जी का अपमान है.
वीर सावरकर के पोते रंजीत जब मिलने पहुंचे तो सीएम उद्धव ठाकरे उन्हें नजरअंदाज करके निकल गए. रंजीत सावरकर को लगा था कि सीएम ठाकरे वीर सावरकर के नाम उन्हें कम से कम 1 मिनट का समय तो देंगे ही, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी.
रंजीत सावरकर ने सीएम उद्धव ठाकरे के नाम एक लेटर भी लिखा है, कांग्रेस सेवा दल से जुड़े लोगों और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ क्रिमिनल के दर्ज करने की मांग की गई है.
शिवसेना ने आपत्तिजनक किताब पर रखा ये स्टैंड
शिवसेना के वरिरष्ठ नेता संजय राउत से जब वीर सावरकर पर आपत्तिजनक किताब के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "शिवसेना का स्टैंड पूरी तरह से साफ है. वीर सावरकर महान थे, हैं और रहेंगे. जो भी किताब छपी है वो मध्य प्रदेश की गंदगी है, ये कभी भी महाराष्ट्र में नहीं आएगी. ये गैर-कानूनी है, हमें कोई सावरकर के बारे में ना सिखाए तो ठीक है."
संजय राउत ने आगे कहा, "जो लोग सावरकर जी के बारे में ऐसा बोल रहे हैं उनके दिमाग की जांच की जानी चाहिए. फिर चाहे वो महाराष्ट्र हो या देश का कोई हिस्सा हर कोई सावरकर जी पर गर्व करता है. जो लोग इस तरह की बातें करते हैं, उनका दिमाग गंदगी से भरा है."
देवेंद्र फडणवीस ने मांग की है कि उद्धव ठाकरे सरकार बिना देरी किए वीर सावरकर के बारे में लिखी गई इस आपत्तिजनक किताब पर बैन लगाए.
किताब से पहले राहुल गांधी ने साधा था सावरकर पर निशाना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले अपने 'रेप इन इंडिया" वाले बयान पर माफी मांगने से इनकार करते हुए कह दिया था,
"मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है और मैं कभी माफी नहीं मांगने वाला." राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर शिवसेना भड़क गई थी. इस टकराव के कुछ दिनों बाद ही कांग्रेस सेवादल ने वीर सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के बीच समलैंगिक संबंध होने का दावा करने वाली किताब पर बवाल मचा है. ऐसे में उद्धव ठाकरे का सावरकर के पोते रंजीत सावरकर से न मिलना शिवसेना के लिए मुश्किल बढ़ाने वाला कदम है. शिवसेना और बीजेपी सावरकर को हिंदू आइकॉन मानती हैं.