
मोदी सरकार पर शिवसेना का फिर हमला, नोटबंदी ने 'ईश्वर' को भिखारी बना दिया

महाराष्ट्र : राज्य और केंद्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना लगातार मोदी सरकार पर हमले करती रही है। एक बार फिर शिवसेना ने मुखपत्र सामना के संपादकीय में मोदी सरकार की नीतियों को निशाना बनाया है।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में 'ईश्वरी वरदान' शीर्षक में सरकार पर श्रेय लेने की होड़ का आरोप लगाते हुए नरेंद्र मोदी पर करारा हमला किया है। 8 नवबंर को नोटबंदी के एक साल पूरे हुए हैं। लेख में कहा गया है कि जनता ईश्वर है, लेकिन नोटबंदी के चलते ईश्वर को भी भिखारी बनकर रहना पड़ रहा है।
लेख में शिवसेना की ओर से लिखा गया है नोटबंदी से देश की हालत चिंताजनक है। व्यापारियों के पास कैश नहीं है, उन्हें चिल्लर से काम चलाना पड़ रहा है। शिवसेना ने लेख में नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस को भी निशाने पर लिया है।
लेख में लिखा गया है, 'बुलेट ट्रेन मोदी सरकार का वरदान है, लेकिन मालाड में जो दुर्घटना हुई उसका श्रेय लेने को सरकार कि तरफ से कोई नही आया। इस बात का आश्चर्य है की 17 वर्ष के बाद हिंदुस्तान ने विश्व सुंदरी का खिताब जीता, उस हरियाणवी कन्या का नाम मानुषी छिल्लर है। अब मानुषी ने विश्व सुंदरी खिताब जीतकर देश कि शान बढाई वो सरकार के कारण ही? इसका श्रेय सरकार ने क्यों नहीं लिया? यह आश्चर्य कि बात है।'
संपादकीय के मुताबिक देश किन हालतों से गुजर रहा है इसकी परवाह नहीं है, लेकिन करोड़ों रुपये खर्च करके विज्ञापनबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है।
लेख में आगे लिखा गया, "ब्रिटिश ने व्यापारी के रूप में देश में 'तोड़ो फोड़ो और राज करो' नीति के तहत 150 साल राज किया। व्यापारियों का राज कभी इश्वरणीय नहीं होता। आज की सत्ता जिन्हें ईश्वरीय वरदान लगती है वह ईश्वर का अपमान करना रोकें। जनता ही ईश्वर है, और ईश्वर भिखारी हो गया है।''
संपादकीय के मुताबिक ब्रिटिश राज को ईश्वर का वरदान कहा जाता था। उसी तर्ज पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह के राज को भी ईश्वर का वरदान बताने वालों का उदय हुआ है। अच्छी बरसात हो जाए तो मोदी सरकार के कारण हुई, ऐसा बताने की कोशिश की जा रही है, लेकिन विदर्भ के किसान सकंट से गुजर रहे हैं। ये संकट भी मोदी और फडणवीस सरकार का वरदान है। यह मानने को लोग तैयार नहीं हैं।