Archived

बर्फीले तूफान में फंसे 10 सैनिक शहीद, पीएम ने जताया शोक

Special News Coverage
5 Feb 2016 2:21 AM GMT
border
नई दिल्ली
सियाचिन में हिमस्खलन की चपेट में आने से बुधवार को लापता हुए जेसीओ समेत सेना के सभी 10 जवानों की मौत हो गई है। जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है और हम देश के लिए ड्यूटी करते हुए जान न्यौछावर करने वाले इन जवानों को सैल्यूट करते हैं।

इनमें एक जूनियर कमीशंड अध‍िकारी और मद्रास बटालियन के 9 जवान शामिल थे। बचाव के लिए सेना और वायुसेना की टीम संयुक्त अभि‍यान चला रही थी। पाकिस्तान ने भारतीय सैनिकों को खोजने में मदद की पेशकश की थी। पाकिस्तान के टॉप आर्मी ऑफिसर ने अपने भारतीय समकक्ष से इस बारे में बात भी की। हालांकि भारत ने पाकिस्तान की मदद लेने से इनकार कर दिया।

पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को लेकर दुख जताया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'सियाचिन में जवानों के साथ हुआ हादसा दुखद है। मैं जवानों की बहादुरी को सलाम करता हूं जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान दे दी। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।




जानकारी के मुताबिक, 19 हजार फुट की ऊंचाई पर सेना के कैंप के पास बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे के करीब हिमस्खलन हुआ था। इसमें कैंप के दक्षि‍ण में गश्त कर रहे 10 जवान फंस गए थे। बता दें कि अभी पिछले महीने ही 3 जनवरी को हिमालयन रेंज के लद्दाख में आए हिमस्खलन में सेना के 4 शहीद हो गए थे।

सबसे ऊंचा बैटल फील्ड
हिमालयन रेंज में मौजूद सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा बैटल फील्ड है। सियाचिन से चीन और पाकिस्तान दोनों पर नजर रखी जाती है। सर्दी के मौसम में यहां अक्सर हिमस्लखन होता है। ठंड में यहां का न्यूनतम तापमान -50 डिग्री (-140 डिग्री फॉरेनहाइट) तक हो जाता है। भारतीय सेना के आंकड़ों के मुताबिक, साल 1984 के बाद से अब तक यहां तैनात 8000 जवान शहीद हो चुके हैं। जवानों के शहीद होने की मुख्य वजह हिमस्खलन, भूस्खलन, ठंड के कारण टिशू ब्रेक और हार्ट अटैक आदि हैं।

अधि‍कतम तीन महीनों की तैनाती

नियमों के मुताबिक, किसी भी सैनिक की उत्तरी सि‍याचिन ग्लेशि‍यर में अधि‍कतम तीन महीने तक तैनाती हो सकती है। जबकि बाना पोस्ट जैसे कुछ अधि‍क खतरनाक इलाकों में यह सीमा 30 दिन की है। उत्तरी ग्लेशि‍यर में तैनात यूनिट को हर छह महीने पर रोटेट किया जाता है।





Next Story