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JNU में कन्हैया ने कहा, मेरा आइकॉन अफजल गुरु नहीं रोहित वेमुला है

Special News Coverage
4 March 2016 12:05 PM GMT
मेरा आइकॉन अफजल नहीं रोहित वेमुला है


जेएनयू कैम्पस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कन्हैया ने कहा, मेरा आइकॉन अफजल नहीं रोहित वेमुला है। आपको बता दें इंटरिम बेल के बाद दूसरे दिन शुक्रवार को जेएनयू कैम्पस में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसी दौरान उनसे अफजल गुरु से संबंधित सवाल पूछे गए।

अफजल गुरु के सपोर्ट पर कन्हैया ने कहा, ''मेरे लिए भारत का एक नागरिक था, जम्मू-कश्मीर का निवासी था, कानून ने सजा दी और वही कानून सजा पर बोलने की इजाजत देता है। पर मेरा आइकॉन अफजल नहीं रोहित वेमुला है।''

कन्हैया कुमार ने क्या कहा ?

कन्हैया ने कहा कि हम जेएनयू के स्टूडेंट देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उनके टैक्स से मिलने वाली सब्सिडी का सही इस्तेमाल हो रहा है। जेएनयू में 145 देशों के स्टूडेंट पढ़ते हैं। ये सभी समाज में अपना कॉन्ट्रीब्यूशन देते हैं। ये बाबा साहब के सपनों को सच करने का संस्थान है। हम स्पीच के दायरे को समझते हैं। हम फ्रीडम ऑफ स्पीच को भी समझते हैं।

कन्हैया ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश की सरकार एक पार्टी की सरकार बन गई है, एक दफ्तर की सरकार बन गई है। उन को यह याद दिलाना है कि आप देश के पीएम हैं, शिक्षा मंत्री हैं। मैं साफ कर दूं मेरा उनसे मतभेद है, मनभेद नहीं है।

कन्हैया ने आगे कहा, एक चिंता जो है वो जब समाज में जाएंगे। कुछ लोग राजद्रोह-देशद्रोह में फर्क नहीं समझे। आरोपी और आरोपसिद्ध में अंतर नहीं समझे। जिस तरह से हमारे साथियों के साथ व्यवहार हो रहा है। जिस तरह से वीडियो लाए गए। कुछ कंडोम गणना अधिकारी बन गए।

मैं विद्यार्थी हूं। मेरा काम अपना पढ़ाई करना है। मेरी तरह से सब पढ़ाई कर पाएं उसकी लड़ाई लड़नी है। इसके लिए कोई ऐक्शन प्लान नहीं बनाना है। सरकार फेलोशिप बंद करेगी, रोहित जैसे लड़के की हत्या करेगी, तो लड़ाई लड़ने के लिए खड़े हो जाएंगे। लड़ाई लंबी है। इसमें विक्ट्री नहीं, यूनिटी है।

कुछ काले बादल हैं। लेकिन उसके बाद घोर बारिश होती है। तभी सूखा मिटता है, धरती सोना उगलती है। काले बादल लाख कोशिश कर लें लाल सूरज को नहीं छिपा सकते। नीले आकाश में लाल सूरज उगेगा।

हम अभिव्यक्ति की आजादी की सीमा जानते हैं। हम आजादी का मतलब जानते हैं। इसीलिए देश से नहीं बल्कि देश में आजादी चाहते हैं। देशभक्ति के पक्ष में खड़े होते हैं। जनता का ध्यान भटकाने की साजिश चल रही है। हम आपको सचेत करते रहेंगे। देश को बचाने की लड़ाई, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है।

संविधान कहता है- समानता, भाईचारा, लोकतंत्र, समाजवाद। सीमा पर जो जवान लड़ रहा है, जो किसान मर रहा है, रोहित वेमुला की शहादत बेकार नहीं जाएगी
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