Begin typing your search...

जुवेनाइल जस्टिस बिल: जघन्य अपराधों में केस चलाने के लिए नाबालिग की उम्र हुई 16 साल

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • Print
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • Print
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • Print
  • koo
justice juvenile bill Pass

नई दिल्ली : निर्भया गैंगरेप कांड के दरिंदे की रिहाई के बाद देश की आंखें खुल ही गईं। राज्यसभा में मंगलवार को जुवेनाइल बिल पास पास कर दिया गया है। इस बिल में जघन्य अपराधों के लिए नाबालिग की उम्र सीमा 18 से घटाकर 16 कर दिया गया है। इस बिल के पास होने से अब ऐसे अपराध के केस में नाबालिगों पर भी बालिग की तरह केस चलेगा। जुवेनाइल बिल अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

इससे पहले चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने जुवेनाइल द्वारा कई जघन्य अपराधों की फेहरिस्त गिनाई और इस बिल को पास करने की अपील की। महिला एंव बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि यह बोर्ड तय करेगा कि अपराध के वक्त नाबालिग की मानसिकता बालपन की थी या वयस्क की।

केंद्रीय मंत्री और कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण बिल है। निर्भया केस दिल को दहलाने वाला, खौफनाक था। उन्होंने इस बिल को लेकर कुछ सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि जुवेनाइल को लेकर जेल में अलग व्यवस्था होनी चाहिए। कठोर सजायाफ्ता अपराधियों के साथ इन्हें रखेंगे तो इस कोमल उम्र में वे उस रास्ते पर चल पड़ेंगे जो उन्हें उन लोगों द्वारा मिल रही होगी। ऐसा न हो जाए कि क्राइम को खत्म करने चले थे और क्रिमिनल को ही जन्म दे दिया। इस कानून को विस्तृत आधार दिए जाने की जरूरत है।

निर्भया के माता-पिता भी इस बिल पर बहस के दौरान राज्यसभा में मौजूद रहे। इससे पहले वे संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से भी मिले थे। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि अब यह बिल संसद से पास हो जाएगा। निर्भया की मां पहले ही कह चुकी हैं कि अब उनकी लड़ाई कानून बदलवाने की है।

बिल के समर्थन में कांग्रेस, टीएमसी, टीडीपी, सिवसेना जैसी पार्टियां थीं। वहीं बिल के विरोध में इनेलो, जेडीयू, और सीपीएम के नेता थे। इसके साथ ही डीएमके नेता कनिमोझी, राज्यसभा सांसद अनु आगा समेत कुछ और सांसदों ने कानून में बदलाव के स्थान पर दूसरे विकल्पों पर विचार करने की बात कही।

Special News Coverage
Next Story
Share it