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शरद पवार का दावा, स्वतंत्र विचार वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री नहीं बनाना चाहती थीं सोनिया
Special News Coverage
11 Dec 2015 7:51 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने दावा किया है कि 10 जनपथ के 'स्वयंभू' वफादारों ने सोनिया गांधी को इस बात के लिए सहमत किया था कि 1991 में पवार के बजाए पीवी नरसिंहराव को प्रधानमंत्री बनाया जाए, क्योंकि 'गांधी परिवार किसी ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री नहीं बनाना चाहता था, जो स्वतंत्र विचार रखता हो।'
पवार ने ये दावे अपनी किताब 'लाइफ ऑन माई टर्म्स - फ्रॉम ग्रासरूट्स एंड कोरीडोर्स ऑफ पावर' में किए हैं। इसे सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की उपस्थिति में शरद पवार के 75वें जन्मदिन समारोह में औपचारिक रूप से जारी किया गया। पवार का जन्मदिन गुरुवार को था।
किताब में 10 जनपथ के वफादारों का जिक्र करते हुए पवार ने लिखा है कि वफादारों में शामिल दिवंगत कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह खुद भी प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे। उन्हें उम्मीद थी कि पवार के बाद अगले वे ही हो सकते हैं। इसलिए उन्होंने ही पवार के बजाए राव पीएम बनाए जाने का फैसला लेने और इस पर सोनिया गांधी को राजी करने की अपनी क्लेवर ट्रिक्स शुरू कर दी। बाद में सोनिया इस पर मान गई और शरद पवार नरसिंह राव की कैबिनेट में रक्षा मंत्री बने।
किताब में आगे पवार ने लिखा है कि दस जनपथ के वफादार प्राइवेट बातचीत में कहते थे कि शरद पवार को पीएम बनाए जाने से उनके युवा होने से "यह लंबी रेस का घोडा साबित होगा" जिससे गांधी परिवार के हितों को नुकसान पहुंचेगा। किताब में लिखा है कि टॉप पोस्ट के लिए उनके नाम पर ना सिर्फ महाराष्ट्र में बल्कि दूसरे राज्यों में भी विचार चल रहा था। इस दौरान वे बेहद सतर्क थे, क्योंकि वे जानते थे कि इस मामले में आखिरी फैसला 10 जनपथ पर ही डिपेंड करता है, जहां सोनिया गांधी रहती हैं। पवार ने अपनी किताब में लिखा है कि पीवी नरसिंह राव सीनियर लीडर थे लेकिन चुनाव से पहले ही वे हेल्थ इश्यू को लेकर एक्टिव पॉलिटिक्स से अलग थे। उनके लंबे एक्सपीरियंस को देखते हुए उन्हें वापस लाने के सुझाव दिए गए। उन्होंने वफादारों के नाम का जिक्र करते हुए लिखा है कि इनमें एमएल फोतेदार, आरके धवन, अर्जुन सिंह और विसेंट जॉर्ज शामिल थे।
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