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भारत में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए दाऊद गैंग को सक्रीय कर रहा है ISI: खुफिया एजेंसियां

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Dawood



नई दिल्ली : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत को अस्थिर करने के मकसद से अब दाऊद गैंग का सहारा लिया है क्योंकि भारत में सिमी और इंडियन मुजाहिदीन के पैर उखड़ने के बाद दाऊद के नेटवर्क का इस्तेमाल एक बार फिर भारत में दंगे भड़काने के लिए कर सकती है।

खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आईएसआई भारत में दंगों को भड़काने और यहां एक नए टेरर मॉड्यूल को खड़ा करने के लिए दाऊद गैंग के नेटवर्क को फिर से ऐक्टिवेट करने की कोशिश कर रहा है। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक प्रतिबंधित संगठन सिमी ने भी इसकी कोशिश की थी।

मेल टुडे के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'इंडियन मुजाहिदीन और सिमी का मॉड्यूल काफी हद तक बिखर चुका है। आईएसआई एक बार फिर देश में हिंसा फैलाने के लिए अब अंडरवर्ल्ड के नेटवर्क का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए बाकायदा विदेशों से फंडिंग भी की गई है, जिसे यहां भारत में अंडरवर्ल्ड के लोगों ने रिसीव किया है।

दाऊद के नेटवर्क को एक्टिव करने के साथ-साथ आईएसआई, इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) और सिमी की भी मदद ले रहा है। इनका मकसद भारत के प्रतिष्ठित लोग और मुख्य जगहों को निशाना बनाना है। इसके अलावा वे यहां सांप्रदायिक हिंसा को भी अंजाम देने की कोशिश में लगे हैं।'

सुरक्षा एजेंसियों को इस बात के सबूत मिले हैं, जो इस तथ्य को प्रमाणित करते हैं। गुजरात के भरूच में दो बीजेपी नेताओं की हत्या और छोटा शकील के गुर्गे सैयद रहमान की गिरफ्तारी से एजेंसी ने इसके तार जोड़ने की कोशिश की है।एजेंसी के मुताबिक रहमान को बेंगलुरु स्थित दक्षिणपंथी संगठन श्रीराम सेना के नेता की हत्या का काम सौंपा गया था।

सिक्युरिटी अफसर्स का कहना है कि बीजेपी नेताओं की हत्या के आरोप में अरेस्ट सैयद रहमान से इस बारे में कई अहम जानकारियां मिली हैं। रहमान जावेद चिकना के अलावा दाऊद के दाहिने हाथ छोटा शकील का साथी रह चुका है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि इस मामले में डी-कंपनी ने सारे फंड और लोकल शूटर मुहैया कराए।

गुजरात एटीएस के मुताबिक, जावेद चिकना ने बीजेपी नेताओं के मर्डर के लिए 50 लाख रुपए दिए थे। इससे साफ है कि आईएसआई एक बार फिर दाऊद के नेटवर्क की हेल्प ले रही है। दोनों ही मामलों में वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान में मौजूद डी कंपनी भारत में बीजेपी नेताओं और दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े प्रमुख नेताओं की हत्या के लिए फंड अवेलबल करा रहा है, जो कि सांप्रदायिक हिंसा का आधार बन सकता है।
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