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मोदी सरकार और रिज़र्व बैंक के बीच तकरार, आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल कभी भी दे सकते हैं इस्तीफा

Yusuf Ansari
31 Oct 2018 8:39 AM GMT
मोदी सरकार और रिज़र्व बैंक के बीच तकरार, आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल कभी भी दे सकते हैं इस्तीफा
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई और सरकार के बीच तकरार इस हद तर बढ़ गई है कि आईबीआई गवर्नर उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं. बुधवार को सत्ता के गलियारों में बहुत तेज़ी से यह खबर फैली कि उर्जित पटेल दफ्तर पहुंतचे ही इस्तीफा दे सकते हैं. कई टीवी चैनल्स की रिपोर्ट्स में कहा गया कि रुपये की लगातार गिरती कीमतों की वजह से सरकार के साथ रिश्तों में आई खटास के चलते उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं.

टीवी चैनल्स सीएनबीसी- टीवी 18 और ईटी नाउ जैसे बिज़नेस चैनलो ने सूत्रों के हवालों से चलाई अपनी खबरों में कहा है कि उर्जित पटेल किसी भी वक्त इस्तीफा दे सकते हैं. माना जा रहा है कि अगर सरकार रिजर्व बैंक का सेक्शन 7 लागू करती है तो सरकार के इस फैसले के खिलाफ उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं. रिजर्व बैंक के सेक्शन 7 के तहत सरकार को ये अधिकार है कि वो आरबीआई के गवर्नर को जनहित से मुद्दों पर काम करने के लिए निर्देश दे सकती है. ऐसा आदेश देना आरबीआई के गवर्नर की क्षमता पर सवाल उठाना जैसा है. उर्जित पटेल ऐस किए जाने के खिलाफ हैं.

बताया जा रहा है कि कि सरकार ने हाल के हफ्तों में रिजर्व बैंक को सेक्शन 7 के तहत कई पत्र भेजे हैं. इसमें नॉन बैंक फिनांस कंपनी के लिए नकदी, कमजोर बैंकों के लिए पूंजी और एसएमई को लोन जैसे मुद्दे शामिल हैं. इकॉनोमिक्स टाइम्स के अनुसार, सेक्शन 7 में कहा गया है कि 'सरकार रिजर्व बैंक के गवर्नर से बातचीत करने के बाद समय-समय पर जनता के हित में रिजर्व बैंक को आदेश दे सकती है.' अब तक भारत की आजादी के बाद यह लागू नहीं हो पाया है. हालांकि, वित्त मंत्रालय ने आरबीआई को लेकर बयान जारी कर कहा है कि आरबीआई की स्वायत्ता जरूरी है और सरकार उसकी स्वायत्तता का सम्मान करती है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि बैंक और सरकारें दोनों जनहित का काम करें. सरकार और आरबीआई के बीच लगातार विचार विमर्श हो रहा है.

बता दें कि मंगलवार को बीते 15 अक्टूबर के बाद से रूपये सबसे नीचले स्तर पर आया. आयातकों की डॉलर मांग आने तथा विदेशी निवेशकों की सतत लिवाली से बुधवार को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में शुरुआती कारोबार में रुपया 43 पैसे कमजोर होकर 74.11 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत रहने तथा सरकार एवं रिजर्व बैंक के बीच खींचतान की चिंताओं का भी रुपये पर दबाव रहा. मंगलवार को रुपया 23 पैसे गिरकर 73.68 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

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