- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
'पिछले 6 साल में 2,838 पाकिस्तानी, 914 अफगानिस्तानी, 172 बांग्लादेशियों को दी गई भारतीय नागरिकता'
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि पिछले 6 सालों में पाकिस्तान से आए 2838 लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई। चेन्नै में नागरिकता संशोधन कानून पर एक कार्यक्रम के दौरान सीतारमण ने कहा, 'पिछले 6 सालों में 2838 पाकिस्तानी शरणार्थियों, 914 अफगानी और 172 बांग्लादेशी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी गई, जिनमें मुस्लिम भी शामिल हैं। 1964 से लेकर 2008 तक 4 लाख से ज्यादा तमिलों (श्री लंका के) को भारतीय नागरिकता दी गई।'
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा, '2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए 566 से ज्यादा मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी गई। 2016 से 2018 के दौरान मोदी सरकार के कार्यकाल में करीब 1595 पाकिस्तानी प्रवासियों और 391 अफगानिस्तानी मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई।' मंत्री ने आगे कहा, '2016 में इसी दौरान अदनान सामी को भी भारतीय नागरिकता दी गई, यह एक उदाहरण है।'
सीतारमण ने कहा कि पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से आए लोगों को देश में अलग-अलग कैंपों में बसाया गया। उन्होंने कहा, 'वे अब भी वहां हैं और उनको रहते अब 50 से 60 साल हो चुके हैं। अगर आप इन कैंपों में जाएंगे तो आपका दिल रोएगा। श्री लंकाई शरणार्थियों की भी यही स्थिति है जो कैंपों में ही रह रहे हैं। वे बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं।'
सरकार किसी भी नागरिकता नहीं छीन रही है, इस पर जोर देते हुए सीतारमण ने कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून लोगों को एक बेहतर जिंदगी देने का प्रयास है। हम किसी की नागरिकता नहीं छीन रहे हैं, हम सिर्फ कुछ को नागरिकता दे रहे हैं।'
वित्त मंत्री ने आगे कहा, 'नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को हर 10 साल पर अपडेट किया जाएगा और इसका नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) से कोई लेना-देना नहीं है। कुछ लोग झूठे आरोप लगाकर लोगों को बिना किसी आधार के उकसा रहे हैं।'