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Agnipath Protest: सुप्रीम कोर्ट में अग्निपथ स्कीम को लेकर याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग, कहा- मामले की गहराई से होनी चाहिए पड़ताल

Desk Editor Special Coverage
21 Jun 2022 8:27 AM GMT
Agnipath Protest: सुप्रीम कोर्ट में अग्निपथ स्कीम को लेकर याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग, कहा- मामले की गहराई से होनी चाहिए पड़ताल
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सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है। अब तक तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी हैं। इनमें अग्निपथ योजना पर रोक लगाने की मांग की गई है।

नई दिल्ली। सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है। अब तक तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी हैं। इनमें अग्निपथ योजना पर रोक लगाने की मांग की गई है। इसी बीच अब केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। केंद्र ने अदालत में कैवियट (प्रतिवाद) दाखिल करके कहा है कि कोई भी निर्णय लेने से पहले हमारा पक्ष भी सुना जाए।

दरअसल, अग्निपथ स्कीम को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन के बीच तीन वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में तीन अलग अलग याचिकाएं दाखिल की हैं। पहली दो याचिकाएं एडवोकेट विशाल तिवारी और एमएल शर्मा ने दायर की थी। सोमवार को एडवोकेट हर्ष अजय सिंह ने भी एक याचिका देकर सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में दखल देने की गुजरिश की। एडवोकेट हर्ष ने अपनी रिट याचिका में कहा है कि अग्निपथ योजना के तहत 4 साल के लिए युवाओं की सेना में भर्ती की जा रही है, उसके बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को ही आगे स्थायी किया जाएगा। उन्होंने दलील दी है कि युवावस्था में चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर अग्निवीर आत्म-अनुशासन बनाए रखने के लिए न तो पेशेवर रूप से और न व्यक्तिगत रूप से पर्याप्त परिपक्व होंगे। ऐसे में प्रशिक्षित अग्निवीरों के भटकने की बहुत संभावनाएं हैं।

इससे पहले, एडवोकेट मनोहर लाल शर्मा ने अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि सरकार ने सेना में भर्ती की दशकों पुरानी नीति को संसद की अनुमति के बिना बदल दिया है, जो संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। उन्होंने तर्क दिया कि अफसरों के लिए सेना में स्थायी कमीशन होता है और वो 60 साल तक की उम्र में रिटायर हो सकते हैं। शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के तहत सेना में शामिल होने वालों के लिए 10/14 साल तक सर्विस का विकल्प होता है। इसके उलट सरकार अब युवाओं को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर रखने लिए अग्निपथ स्कीम लेकर आई है। युवाओं को इस स्कीम के बाद अपना भविष्य अंधकारमय लग रहा है। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में इसे खारिज किया जाए।

बता दें कि केंद्र सरकार ने 14 जून को 'अग्निपथ' योजना की घोषणा की थी। इस योजना के खिलाफ बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड समेत दर्जनों राज्यों में उग्र विरोध प्रदर्शन हुए। युवाओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है बावजूद सरकार अपने फैसले पर अड़ी हुई है। इतना ही नहीं आनन फानन में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया।

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