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तेलंगाना सीएम से मिलेंगे आईफा सुप्रीमो व किसान नेता डॉ राजाराम त्रिपाठी, कई मुद्दों पर होगी बातचीत

Arun Mishra
9 Feb 2022 10:24 AM GMT
तेलंगाना सीएम से मिलेंगे आईफा सुप्रीमो व किसान नेता डॉ राजाराम त्रिपाठी, कई मुद्दों पर होगी बातचीत
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कालेश्वरम उदवहन सिंचाई योजना का करेंगे भ्रमण उससे लाभान्वित, प्रभावित किसानों से भी ये करेंगे मुलाकात, बहुचर्चित 'रायथु बंधु योजना' तथा अन्य कृषि नवाचारों की किसानों के बीच जाकर आईफा करेगी निष्पक्ष समीक्षा.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर से "अखिल भारतीय किसान महासंघ" (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी की अगले हफ्ते बुधवार को हैदराबाद में मुलाकात होने जा रही है। बैठक में खेती किसानी के विभिन्न जरूरी प्रादेशिक तथा राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी। डॉ त्रिपाठी प्रदेश के किसानों से संबंधित कई कार्यक्रमों में शिरकत भी करेंगे। इसी तारतम्य में उनकी मुख्यमंत्री से बैठक भी प्रस्तावित है। डॉक्टर त्रिपाठी तेलगाना प्रदेश के किसान नेताओं व मुख्य रूप से देश के हल्दी उत्पादक किसान संगठन के उपाध्यक्ष कोटपति नरसिंहम नायडू के निमंत्रण पर वहां जा रहे हैं। इस दरमियान प्रदेश प्रदेश के किसान नेताओं के साथ आईफा के दक्षिणी क्षेत्र संयोजक वरिष्ठ किसान नेता जयपाल रेड्डी भी प्रमुख रूप से डॉ त्रिपाठी के साथ होंगे।

अखिल भारतीय किसान महासंघ ने वर्तमान केंद्र सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बताते हुए पेपरलेस यूनियन बजट 2022 को किसानों के लिए होपलेस तथा "जीरो अपार्चन्यूटी बजट" कहा है। उल्लेखनीय है कि तेलगाना के मुख्यमंत्री ने भी यूनियन बजट की कड़ी मुखालफत की है‌ इसके अलावा तेलगाना प्रदेश सरकार के द्वारा प्रदेश के किसानों के हितों में घोषणा की गई कई योजनाओं तथा नवाचारों की भी मौके पर जाकर समीक्षा की जाएगी तथा इन योजनाओं का प्रदेश के किसानों को सचमुच में कितना फायदा मिला है इसका निष्पक्ष आकलन भी किया जाएगा।

डॉ त्रिपाठी अन्य किसान नेताओं के साथ कालेश्वरम उदवहन सिंचाई योजना का भ्रमण करेंगे तथा योजना से लाभान्वित,प्रभावित किसानों से भी मुलाकात करेंगे। बहुचर्चित रायथु बंधु योजना का भी कितना लाभ वहां के किसानों तक पहुंच रहा है यह भी किसान नेता मौके पर जाकर देखेंगे।

अखिल भारतीय किसान महासंघ के तेलगाना इकाई की नई कार्यकारिणी की भी घोषणा इस दरमियान हो सकती है। केंद्र सरकार के द्वारा देश के किसानों के साथ समझौता करने के बाद धोखा देने से पूरे देश के किसानों में में नाराजगी है तथा एक बार फिर से पूरे देश के किसान केंद्र सरकार के विरुद्ध लामबंद हो रहे हैं।

डॉ त्रिपाठी के दक्षिणी प्रदेशों की यात्रा को इसी रणनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है। इस बार के किसान आंदोलन में दक्षिण के दक्षिणी राज्यों के किसानों की भूमिका कितनी प्रभावी होगी या तो आने वाला वक्त ही बताएगा पर इतना तो तय है कि देश भर के किसान संगठनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रभावी कानून तथा अपनी अन्य क्षेत्रीय तथा केंद्रीय लंबित मांगों को लेकर कोई न कोई खिचड़ी अवश्य पक रही है।

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