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JEE Mains 2023: क्या स्थगित हो सकती है JEE Mains परीक्षा, मामला कोर्ट में, जाने क्या है पूरा मामला

Shiv Kumar Mishra
4 Jan 2023 2:23 PM GMT
JEE Mains 2023: क्या स्थगित हो सकती है JEE Mains परीक्षा, मामला कोर्ट में, जाने क्या है पूरा मामला
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जेईई मेन 2023 को स्थगित करने की मांग चल रही है, इस संबंध में 4 जनवरी 2023 को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

JEE Main 2023: यदि आप भी जेईई मेंस परीक्षा देने जा रहे हैं, तो बता दें जेईई मेन 2023 को स्थगित करने की मांग चल रही है, मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है। इस संबंध में 4 जनवरी 2023 को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन अभी कोई फैसला नहीं आया है।

10 जनवरी को होगी सुनवाई

संयुक्त प्रवेश परीक्षा, जेईई मेन 2023 को स्थगित करने की याचिका पर 4 जनवरी, 2023 को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई लेकिन छात्रों को ध्यान देना चाहिए कि मामले को अब स्थगित कर दिया गया है और अगली सुनवाई 10 जनवरी, 2023 को होगी। पूरी संभावाना है कि 10 जनवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट क्लियर कर देगा कि जेईई मेन 2023 (JEE Main 2023 postponement) जनवरी की परीक्षा स्थगित की जाएगी या नहीं।

मामले की सुनवाई बॉम्बे हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगरपुरवाला और न्यायमूर्ति संदीप वी मार्ने की पीठ ने की। मामले की सुनवाई के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जेईई मेन 2023 परीक्षा के ब्रोशर को ऑन रिकॉर्ड फाइल करने के लिए और समय देने का फैसला किया है। बात केवल परीक्षा को स्थगित करने की नहीं है, अभ्यर्थियों के लिए पात्रता मानदंड में 75 प्रतिशत की छूट देने की भी मांग की है। (Jee Main 2023 Exam Postponed) इसी सिलसिले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।

क्यों उठी परीक्षा स्थगित करने की मांग

याचिका के अनुसार, छात्रों ने परीक्षा स्थगित करने के लिए इसलिए कहा है क्योंकि जेईई परीक्षा की तिथियां उनकी बोर्ड परीक्षा, प्री-बोर्ड और सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षा के साथ टकराएगी। छात्रों के लिए एचएससी की कई परीक्षाएं भी 1 फरवरी से शुरू होने वाली हैं।

अब तक, एनटीए ने घोषणा की है कि जेईई मेन 2023 सत्र 1 परीक्षा 24 से 31 जनवरी, 2023 तक आयोजित किया जाना है। याचिका में कहा गया है कि जेईई मेन 2020 परीक्षा की तारीखों को चार महीने पहले अधिसूचित किया गया था, जबकि जेईई मेन के लिए 2023, छात्रों को एक महीने का नोटिस दिया गया है। यही नहीं याचिका में एनटीए से 75 प्रतिशत मानदंड हटाने का भी आग्रह किया गया है।

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