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74 साल बाद देश में फिर से दिखेगा चीता, एमपी के इस नेशनल पार्क में होगा ठिकाना

माजिद अली खां
24 May 2021 11:57 AM GMT
74 साल बाद देश में फिर से दिखेगा चीता, एमपी के इस नेशनल पार्क में होगा ठिकाना
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एमपी के वन मंत्री विजय शाह ने रविवार को इस बात की जानकारी दी.

दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर चीता साल 1952 में ही भारत में विलुप्त हो गया था. लेकिन अब एक बार फिर से इसे देश में बसाने की तैयारी हो रही है. बता दें कि इस साल नवंबर में अफ्रीका से 10 चीतों को लाकर एमपी के कूनो नेशनल पार्क में बसाया जाएगा. एमपी के वन मंत्री विजय शाह ने रविवार को इस बात की जानकारी दी.

देश में आखिरी बार चीते को छत्तीसगढ़ में साल 1947 में देखा गया था, उसके बाद साल 1952 में इसे विलुप्त करार दे दिया गया. वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कुछ साल पहले देश में चीतों को वापस बसाने की तैयारी शुरू कर दी थी. अफ्रीकी चीतों को भारत में उपयुक्त जगह पर बसाने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी अपनी मंजूरी दे चुका है.

वन मंत्री विजय शाह ने बताया कि अफ्रीका से जो 10 चीते लाए जाएंगे, उनमें से 5 मादा चीता होंगी. संबंधित अधिकारियों को ट्रेनिंग के लिए इस साल जून-जुलाई में दक्षिण अफ्रीका भी भेजा जाएगा. वहीं अक्टूबर-नवंबर में चीते भारत आ जाएंगे.

बता दें कि जिस कूनो नेशनल पार्क में इन चीतों को रखा जाएगा, वह एमपी के श्योपुर जिले में स्थित है. इस नेशनल पार्क में चिंकारा, नीलगाय, जंगली भालू और हिरण आदि जानवर काफी संख्या में हैं. इस वित्तीय वर्ष के लिए प्रोजेक्ट चीता के लिए 14 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है. यह बजट नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी द्वारा एमपी और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को दिया जाएगा. बता दें कि इस वक्त दुनिया में सिर्फ 7000 के करीब चीते बचे हैं, जिनमें से अधिकतर अफ्रीका में पाए जाते है

माजिद अली खां

माजिद अली खां

माजिद अली खां, पिछले 15 साल से पत्रकारिता कर रहे हैं तथा राजनीतिक मुद्दों पर पकड़ रखते हैं. 'राजनीतिक चौपाल' में माजिद अली खां द्वारा विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक विश्लेषण पाठकों की सेवा में प्रस्तुत किए जाते हैं. वर्तमान में एसोसिएट एडिटर का कर्तव्य निभा रहे हैं.

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