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गाँव में कोविड वीभत्स हो चुका है, कुछ समस्याओं के साथ समाधान हैं...

Arun Mishra
10 May 2021 1:23 PM GMT
गाँव में कोविड वीभत्स हो चुका है, कुछ समस्याओं के साथ समाधान हैं...
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लोगों को विश्वास दिलाना होगा कि टीका ही इस महामारी से बचा सकता है।

गाँव में कोविड वीभत्स हो चुका है। कुछ समस्याओं के साथ समाधान हैं :-

1. लगभग 20 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में कोविड टेस्टिंग के लिए 8 लैब लखनऊ, वाराणसी, अलीगढ़, मेरठ, सैफई और गोरखपुर में ही है। अब अगर प्रतापगढ़ में कोई संदिग्ध मरीज मिलता है तो उसकी जांच 165 किमी दूरी लखनऊ में हो पायेगी या फिर 143 किमी दूर वाराणसी में। ये रिपोर्ट आने की देरी और रिपोर्ट की विश्वनीयता ही बहुत से केसेज को खराब कर दे रही है।

समाधान - सरकार को अब हर गाँव में ये बताना होगा कि अगर लगातार खांसी या बुखार बना हुआ है तो इसे कोरोना मान कर चलना होगा। अब जब कोविड मान लिया तो दवाई भी आवश्यक है इसलिए बिना देर किए कुछ जरूरी दवाओं के पैकेट आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गाँव के हर घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाई जाए।

2. गांव में वैक्सीन की वास्तविक उपयोगिता अभी तक पहुँच नहीं पाई है। कुछ लोगों ने वैक्सीन लगाई और उनको बुखार आ गया, उसके बाद से अनगिनत भ्रम हैं।

समाधान - लोगों को विश्वास दिलाना होगा कि टीका ही इस महामारी से बचा सकता है। इसके लिए जिला प्रशासन को स्थानीय अख़बार और रेडियो की मदद लेनी चाहिए। सरकार को अरुण गोविल समेत रामायण के अन्य अदाकारों से उनके किरदार वाले ड्रेसअप में 'वैक्सीन कितनी कारगर है' का एक ऐड शूट करवाना चाहिए जिसे सूचना विभाग की वैन प्रदेश के गाँव-गाँव में चलाते हुए घूमती रहे। इस जनजागरूकता ऐड में धर्म गुरु और कथावाचकों को भी शामिल किया जा सकता है।

3. झोलाछाप डॉक्टर्स ने सब चौपट कर रखा है।

समाधान - इस मानसिकता से कुछ दिन बाहर निकलना पड़ेगा। ये डॉक्टर इतने वक्त कई गाँव को केवल अपने बल पर पकड़े हुए हैं। बिल्कुल सही वक्त है, जब इन डॉक्टर्स का असली इस्तेमाल हो सके। डीएम और तहसीलदार को अब सभी प्रधानों से संपर्क करके ऐसे डॉक्टर्स की सूची तैयार करके उन्हें कोविड कमांड सेंटर से जोड़ना ही चाहिए जिससे वो ना केवल अपने पास आये संभावित कोविड मरीज की पुख्ता सूचना कमांड को दे सकें बल्कि कमांड द्वारा बताए गए तरीकों और दवाइयों की जानकारी मरीज को दे सके। रेमडिसिवर और ऑक्सीजन इनके हवाले ना दिया जाए लेकिन कोविड प्रोटोकॉल देकर थोड़ा ट्रस्ट अब इन पर भी करिये। इससे कम से कम राजधानी को रियल डेटा मिलेगा और गाँव मे पैनिक सिचुएशन भी थोड़ा कम रहेगी।

रूद्र प्रताप दुबे

लेखक वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं.

Arun Mishra

Arun Mishra

Sub-Editor of Special Coverage News

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