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क्या आप जानते हैं? तीन बार ताजमहल, दो बार लाल किला, एक बार राष्ट्रपति भवन और एक बार संसद भवन को बेच दिया गया था

Shiv Kumar Mishra
10 Nov 2020 11:59 AM GMT
क्या आप जानते हैं? तीन बार ताजमहल, दो बार लाल किला, एक बार राष्ट्रपति भवन और एक बार संसद भवन को बेच दिया गया था
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बेईमानी बन गई है लोगो

की शान ।

देश को छोड़कर भाग

रहे श्रीमान ।।

बेईमानी बोले या भ्रष्टाचार यह दोनों सगे भाई हैं,बेईमानी छोटा भाई है,तो भ्रष्टाचार बड़ा भाई । जब गरीब रोटी चुराता हैं, तो बड़ा चोर कहलाता है, वहीं दूसरी ओर लाखों रुपए डकार कर देश छोड़कर भागने वाले हमारे सम्माननीय जिनको राज्यसभा भेजा जाता है । हीरे मोती बेचने वाले बैंकों की आंखों में धूल झोंक कर देश से नौ दो ग्यारह हो गए और हमारी सरकार हाथ मलती रह गई देश छोड़कर भागने वाले श्रीमानो की सूची तो बहुत लंबी है, और उनके कारनामे भी जगजाहिर है,ऐसे श्रीमानो से हमारे देश का पुराना नाता है,अब्दुल करीम तेलगी हो या हर्षद मेहता, नटवरलाल भी इन से पीछे नहीं थे,चिट फंड फर्जीवाड़े सुदीप सेन गुप्ता जिन्होंने गरीब जनता के साठ हजार करोड़ रुपए का चूना लगाया।

वहीं गरीब अपना ज़मीर बेचकर बच्चों की भूख की तड़प देखकर अपना ईमान बेच कर रोटी चुराते है, ऐसा लगता है उनसे बड़ा चोर और कोई नहीं है ,इसलिए लोग कहते हैं,आज फिर एक गरीब अपना ईमान बेच आया है। बच्चों की भूख मिटाने के लिए कुछ रोटी चुरा लाया है । देश में कुछ बड़े घोटाले जिसके बारे में मैं बताता हूँ ,यह घोटाले ऐसे थे जिसके कारण हमारे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी। सबसे पहले हम बात करते हैं, मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव उर्फ नटवरलाल की जिसने ठगी में ऐसा नाम कमाया उसके ऊपर हिंदी फिल्म बनाई गई थी ।

भारत के मशहूर ठग नटवरलाल का असली नाम मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव था । इसका जन्म 1912 में बिहार राज्य के सीवान नाम के जिले के बंगरा गाँव में हुआ था। नटवरलाल एक प्रसिद्ध भारतीय शख्स था जिसने ठगी करते हुए ताजमहल, लाल किला, राष्ट्रपति भवन और संसद भवन तक को कई बार सरकारी कर्मचारी बनकर बेच दिया था ।

उसने सैकड़ों लोगों को धोखा दिया और 50 से अधिक झूठे नामों का इस्तेमाल किया। वह हमेशा ठगी के लिए शहर बदलता रहता था। दूसरे पायदान पर है, भ्रष्टाचार के बेताज बादशाह जो पहले ठेले पर फल बेचता था,इस फल बेचने वाले ने करोड़ों रुपए का स्टैम्प पेपर फर्जीवाड़ा किया था, ठगी के बादशाह अब्दुल करीम तेलगी ने भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक का रचयिता था । तेलगी बीयर बार में लड़कियों के नृत्य देखते हुए करोड़ो रुपये उड़ा दिया करता था ।

अब्दुल करीम तेलगी के स्टैम्प पेपर घोटाले के तार 16 राज्यों तक फैले हुए थे , 2001 में उसे अजमेर से गिरफ्तार किया गया था, 20 हजार करोड़ का यह घोटाला भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक है । इसमें उसे 30 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह बेंगलुरू के पाराप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था, उस पर 202 करोड़ रूपये का जुर्माना भी लगाया गया था । 26 अक्टूबर 2017 को उसकी मौत हो गई थी मौत की वजह मल्टीपल ऑर्गन फेलियर था ।

तीसरे पायदान पर है ठगों के बादशाह हर्षद मेहता उसने शेयर बाजार को अपनी उंगलियों पर घुमाया था और करोड़ का फर्जीवाड़ा किया था । हर्षद मेहता ने भारत में सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट घोटाला किया था। इस घोटाले में एक बड़े नेता और मशहूर तांत्रिक चंद्रास्वामी का भी नाम आया था । हर्षद मेहता ने स्टॉक मार्केट में लगभग 4000 करोड़ रुपए का घोटाला किया था। इस घोटाले का खुलासा टाइम्स ऑफ इंडिया की वरिष्ठ पत्रकार सुचेता दयाल ने किया था, इतने बड़े घोटाले का दोषी होने के बाद भी मेहता पर मात्र 5 साल की कैद और 25 हजार का जुर्माना लगाया था । साल 2001 में जेल के भीतर ही दिल का दौरा पड़ने से हर्षद की मौत हो गई थी ।

चौथे नंबर पर आते हैं शारदा समूह के चेयरमैन सुधीर सेन गुप्ता का जिसने चिटफंड के नाम पर किया 60 हजार करोड़ का घोटाला ‌। यह घोटाला पश्चिम बंगाल का एक बड़ा आर्थिक घोटाला है, इस घोटाले में राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के नाम आ रहे है । चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने आम लोगों को ठगने के लिए कई लुभावन सपने दिखाए थे, गरीब जनता ने अपने खून पसीने की कमाई इस चिटफंड कंपनी में लगाई थी । गरीब जनता अदालत के चक्कर लगा रही है, इस आस में शायद उनका पैसा उनको वापस मिल जाए । चिट फंड कंपनियों ने देश के चार राज्यों में नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए निवेशकों को 60,000 करोड़ रुपए का चूना लगाया ।‌‌

विजय माल्या शराब के सौदागर 9000 करोड़ रुपए डकार कर भारत छोड़कर भाग गए ।

नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक का 11400 करोड़ रूपए समेट कर नौ दो ग्यारह हो गए ।

यह कुछ नाम है घोटाला बाज़ो एवं ठगों के जिन्होंने भारत को करोड़ों रुपए का चूना लगाया भारत को सोने की चिड़िया होने के सपने को चकनाचूर किया, अब आप फैसला करें बड़ा चोर कौन वे गरीब जिसने बच्चे की भूख मिटाने के लिए रोटी चुराई थी या यह पैसे वाले जो पहनते हैं उजले कपड़े और दिल और दिमाग में रखते हैं खोट, इन्होंने गरीब जनता के निवाले छीने है, अगर यह पकड़े भी जाते हैं, तो इनकी मृत्यु एक-दो साल में जेल में हो जाती है ,यह तो समझ के परे है ।

पूजा,नमाज, इबादत,भक्ति

सब बेकार है ।

अगर दिल में बेईमानी और

ज़हन में भ्रष्टाचार है ।।

मोहम्मद जावेद खान

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