राष्ट्रीय

सिंघु बॉर्डर पर गांववालों का किसान आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन, हाइवे खाली करने की मांग, भारी पुलिस बल तैनात

Arun Mishra
28 Jan 2021 10:26 AM GMT
सिंघु बॉर्डर पर गांववालों का किसान आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन, हाइवे खाली करने की मांग, भारी पुलिस बल तैनात
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किसान आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में हिंदू सेना संगठन और स्थानीय नागरिक थे, जो तिरंगे के साथ आए थे.

नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में निकली किसानों की ट्रैक्टर रैली में जमकर हिंसा हुई और इसी का असर अब किसान आंदोलन पर पड़ता हुआ दिख रहा है. दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पिछले करीब दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के खिलाफ गुरुवार को गांव वाले सड़कों पर उतर आए. लाल किले में हुई हिंसा को लेकर गांव वालों में नाराजगी दिखी, प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि तुरंत हाइवे खाली किया जाए. किसान आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में हिंदू सेना संगठन और स्थानीय नागरिक थे, जो तिरंगे के साथ आए थे.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि लाल किले में तिरंगे का अपमान किया गया, जो हम लोग नहीं सहेंगे. हम अभी तक यहां प्रदर्शन कर रहे किसानों की मदद कर रहे थे, लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन जो घटना हुई उससे वो काफी नाराज हैं.

किसानों ने भी की नारेबाजी जब गावंवालों की ओर से यहां पर प्रदर्शन किया गया, तो किसान प्रदर्शनकारियों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी. किसानों की ओर से जय जवान-जय किसान के नारे लगाए गए. एक वक्त ऐसा मौका भी आय़ा, जब नारेबाजी करने वाले दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. हालांकि, कुछ वक्त बाद ही स्थानीय प्रदर्शनकारी लौट गए. आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस के दौरान हुई हिंसा के बाद से ही अलग-अलग प्रदर्शनस्थल पर सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है, ऐसे में जो लोग प्रदर्शन करने आए वो भी कुछ दूरी पर ही प्रदर्शन कर रहे थे.

लाल किले पर हुई हिंसा के दौरान उपद्रवियों द्वारा झंडा फहराया गया, इस दौरान आरोप लगा कि वहां पर तिरंगे का अपमान किया गया है. दिल्ली पुलिस ने लाल किले हिंसा को लेकर मामला भी दर्ज किया है, जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी रिपोर्ट दी जा रही है.

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के दौरान हुई हिंसा के बाद से ही किसान आंदोलन के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं. बीते दिन ही दिल्ली-नोएडा सीमा पर बैठे किसान संगठनों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया और चिल्ला बॉर्डर खाली कर दिया. दिल्ली पुलिस की ओर से भी अब हिंसा के मामले को लेकर एक्शन लिया जा रहा है.

बीते दिन से अबतक दो दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज हुई हैं, जबकि 20 से अधिक किसान नेताओं को नोटिस थमाया गया है. दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर परेड की शर्तें तोड़ने को लेकर किसान नेताओं से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है.

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