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GDP ग्रोथ रेट में आ सकती है गिरावट, रेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान

Sakshi
23 May 2022 4:13 PM GMT
GDP ग्रोथ रेट में आ सकती है गिरावट, रेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान
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रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बताया है कि बीते वित्तवर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद का ग्रोथ रेट गिरकर 3.5 फीसदी रहने का अनुमान है जबकि तीसरी तिमाही में यह 5.4 फीसदी रही थी।

भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट की रफ्तार थम सकती है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बताया है कि बीते वित्तवर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद का ग्रोथ रेट गिरकर 3.5 फीसदी रहने का अनुमान है जबकि तीसरी तिमाही में यह 5.4 फीसदी रही थी।

इक्रा रेटिंग्स ने सोमवार 23 मई को जनवरी-मार्च 2022 तिमाही के बारे में जारी किए गए अपने अनुमान में कहा कि महंगाई बढ़रने के करण मार्जिन पर आए असर, गेहूं की पैदावार में गिरावट आने और तुलनात्मक आधार अर्थव्यवस्था के कमतर प्रदर्शन के कारण जीडीपी ग्रोथ रेट 3.5 फीसदी रह सकती है।

इसके अलावा जनवरी-फरवरी में कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन का प्रकोप रहने से भी कई सेवाओं पर असर देखने को मिला है। इसी वजह से वित्तवर्ष की आखिरी तिमाही में ग्रोथ की रफ्तार और धीमी हो सकती है।

इक्रा ने कहा है कि चौथी तिमाही में आधार कीमतों पर GVA घटकर 2.7 फीसदी पर आने के आसार हैं जबकि तीसरी तिमाही में यह 4.7 फीसदी पर रहा था. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी और अंतिम तिमाही के आंकड़े 31 मई को जारी करेगा।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि चौथी तिमाही का समय चुनौतीपूर्ण था, जिसमें ओमीक्रोन की वजह से कोविड-19 की तीसरी लहर आई और उपभोक्ता वस्तुओं के दाम अधिक होने से मार्जिन भी कम हुआ। इसके अलावा मार्च में ही सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ने से गेहूं की पैदावार पर भी प्रतिकूल असर पड़ा। नायर ने कहा, "हमें आशंका है कि कृषि और उद्योग दोनों ही सेक्टर में चौथी तिमाही में जीवीए ग्रोथ एक फीसदी से कम रहेगी जबकि सेवा क्षेत्र की ग्रोथ रेट करीब 5.4 फीसदी रह सकती है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने से कारोबारी धारणा में सुधार होगा और उपभोक्ताओं की खर्च-योग्य आय बढ़ेगी। इसके साथ ही उपभोक्ता-मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में भी गिरावट आएगी।

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