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भारत में Rafale की पहली लैंडिंग करवाएंगे पायलट हरकीरत सिंह, जानिये- क्या है इस उपलब्धि की खास वजह

Arun Mishra
29 July 2020 4:27 AM GMT
भारत में Rafale की पहली लैंडिंग करवाएंगे पायलट हरकीरत सिंह, जानिये- क्या है इस उपलब्धि की खास वजह
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आइए जानते हैं कि देश के लिए यह गौरवशाली उपलब्धि हासिल करने वाले पायलट हरकीरत सिंह कौन हैं और उनकी क्या खासियत है.

भारतीय वायुसेना के लिए आज काफी खास दिन होने वाला है. चीन के साथ लद्दाख में LAC विवाद के बीच अंबाला एयरबेस पर आ रहे 5 राफेल फाइटर जेट (Rafale Fighter Jets) की पहली तैनाती लेह में ही की जाएगी. मल्‍टी-रोल फाइटर जेट राफेल को IAF के पायलट फ्रांस से लेकर आ रहे हैं. पायलट हरकीरत सिंह चीन और पाकिस्तान पर बड़ी बढ़त हासिल करवाने वाले राफेल की भारत की जमीन पर पहली लैंडिंग करवाएंगे.

हरकीरत सिंह 5 राफेल विमानों की पहली खेप में सबसे पहले विमान की लैंडिंग करवाएंगे. इसके बाद बाकी 4 विमानों की लैंडिंग होगी. विमानों को रिसीव करने के लिए एयरफोर्स चीफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया समेत वेस्टर्न एयर कमांड के कई अधिकारी भी एयरबेस पर मौजूद रहेंगे.

आइए जानते हैं कि देश के लिए यह गौरवशाली उपलब्धि हासिल करने वाले पायलट हरकीरत सिंह कौन हैं और उनकी क्या खासियत है.

ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह भारत के सामरिक महकमे में काफी मशहूर हैं. फिलहाल वह एयरफोर्स की 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर के पद पर तैनात हैं.

परिवार –

हरकीरत सिंह के पिता निर्मल सिंह लेफ्टिनेंट कर्नल रहे हैं.

हरकीरत सिंह की पत्नी अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर ही विंग कमांडर हैं. वे ग्राउंड ड्यूटी पर तैनात हैं.

अंबाला एयरबेस पर राफेल को लाने वाले पायलटों के परिवार वाले भी मौजूद रहेंगे.

सैन्य उपलब्धि –

खराब इंजन के बावजूद विषम परिस्थितियों में जान पर खेलकर लड़ाकू विमान मिग को सुरक्षित लैंड कराने के लिए उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा जा चुका है.

ऐतिहासिक पराक्रम-

स्क्वाड्रन लीडर के पोस्ट पर तैनात हरकीरत सिंह के करियर में यह घटना 23 सितंबर 2008 को हुई. राजस्थान के एक एयरबेस से वह अपने रात्रि अभ्यास के दौरान मिग-21 बाइसन की उड़ान पर थे.

आसमान में 4 किलोमीटर की ऊंचाई पर उन्हें इंजन से 3 धमाके सुनाई दिए. इंजन बंद होते ही कॉकपिट में अंधेरा छा गया. इमरजेंसी लाइट में हरकीरत सिंह ने मामले की गंभीरता को समझा और किसी तरह आग पर काबू पाया.

उन्होंने इंजन को दोबारा स्टार्ट करने की पूरी कोशिश की और कामयाबी पाई. इसके बाद उन्होंने ग्राउंड कंट्रोल की मदद से नेविगेशन सिस्टम के जरिए रात में ही लैंडिंग की.

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक इस काम के लिए उच्च कौशल और महारत की जरूरत होती है.

बताया जाता है कि हरकीरत चाहते तो विमान से कूद कर अपनी जान भी बचा सकते थे. इसके बावजूद उन्होंने मिग को भी सुरक्षित लैंड करवाया. उनके इस पराक्रम की मिसाल दी जाती है.

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