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पीएम मोदी ने राष्ट्रपति सोलिह से की वार्ता, भारत और मालदीव के बीच इन छह समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

Arun Mishra
2 Aug 2022 9:35 AM GMT
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति सोलिह से की वार्ता, भारत और मालदीव के बीच इन छह समझौतों पर हुए हस्ताक्षर
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पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के बीच मंगलवार को हुई शिखर वार्ता के बाद भारत और मालदीव ने छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मंगलवार को दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश सहित द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को गति देने के उद्देश्य से विस्तृत वार्ता की।

पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के बीच मंगलवार को हुई शिखर वार्ता के बाद भारत और मालदीव ने छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों के बीच क्षमता निर्माण, साइबर सुरक्षा, आवास, आपदा प्रबंधन और बुनियादी ढांचे में सहयोग बढ़ाने को लेकर समझौते हुए हैं। शिखर वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मालदीव को 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त ऋण सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है ताकि सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों में नया जोश देखने को मिला है और नजदीकियां बढ़ीं हैं।

मालदीव भारत का सच्चा मित्र: राष्ट्रपति सोलिह

वहीं, मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह ने कहा कि हम आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराते हैं। उन्होंने कहा कि मालदीव भारत का सच्चा मित्र रहेगा। सोलिह एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ चार दिवसीय भारत यात्रा के लिए सोमवार को दिल्ली पहुंचे थे। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और पिछले कुछ वर्षों में रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में वृद्धि हुई है।

हर संकट में भारत मालदीव के साथ: PM

उन्होंने कहा, ''कोविड महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद हमारे बीच का सहयोग व्यापक साझेदारी का रूप ले रहा है। हिंद महासागर में अंतरराष्ट्रीय अपराध, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी का खतरा गंभीर है। शांति के लिए भारत-मालदीव के बीच घनिष्ठ संबंध महत्वपूर्ण हैं।'' उन्होंने कहा कि भारत-मालदीव साझेदारी न केवल दोनों देशों के नागरिकों के हित में काम कर रही है, बल्कि यह स्थिरता का स्रोत भी बन रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मालदीव की किसी भी जरूरत या संकट पर भारत ने सबसे पहले प्रतिक्रिया दी है और आगे भी देता रहेगा।

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