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Video: पाइप से बहने लगे नोट और गहने, PWD इंजीनियर के घर छापे के दौरान सामने आई हैरान करने वाली घटना

Special Coverage Desk Editor
25 Nov 2021 11:49 AM IST
Video: पाइप से बहने लगे नोट और गहने, PWD इंजीनियर के घर छापे के दौरान सामने आई हैरान करने वाली घटना
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कर्नाटक (Karnataka) के कलबुर्गी (Kalaburagi) में जूनियर इंजीनियर शांतागौड़ा बिरदार (JE Shantagouda Biradar) के घर से कुल 13.5 लाख रुपये नकद बरामद किए गए.

क्या आपने कभी किसी पाइप से पैसा बहते हुए देखा है. सुनने में ये बड़ा अजीब लग रहा है. लेकिन एक ऐसी ही घटना कर्नाटक (Karnataka) में सामने आई है. दरअसल, कर्नाटक के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की छापेमारी का एक वीडियो सोशल मीडिया (Karnatka ACB Viral Video) पर वायरल हो रहा है. एसीबी ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में एक जूनियर इंजीनियर के घर पर छापेमारी की थी. वीडियो में एसीबी अधिकारी पीवीसी पाइप के अंदर से नकदी और सोने के जेवरात निकालते हुए दिखाई (Cash and gold running from Pipe) दे रहे हैं.

भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी के अधिकारियों को जेई शांतागौड़ा बिरादर (JE Shantagouda Biradar) पर शक था कि उसने अपने कार्यकाल के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी. इसके बाद अधिकारियों ने जूनियर इंजीनियर के कलबुर्गी (Kalaburagi) स्थित घर पर छापा मारा. छापेमारी का नेतृत्व एसीबी एसपी महेश मेघनावर ने किया. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार सुबह करीब नौ बजे एसीबी की टीम ने बिरदार के घर का दरवाजा खटखटाया. जूनियर इंजीनियर ने दरवाजा खोलने में 10 मिनट का समय लिया, जिससे एसीबी अधिकारियों को लगा कि उसने घर के आसपास कहीं बेहिसाब नकदी छिपाई होगी.

एसीबी को घर से मिले 13.5 लाख रुपये

इसके बाद एक प्लंबर को जूनियर इंजीनियर के घर के अंदर पीवीसी पाइप काटने के लिए बुलाया गया. जब प्लंबर ने पाइप को काटा तो अधिकारियों को उसके अंदर नकदी और सोने के गहनों के बंडल मिले. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, जूनियर इंजीनियर शांतागौड़ा बिरदार के घर से कुल 13.5 लाख रुपये नकद बरामद किए गए. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एसीबी अधिकारियों ने पीडब्ल्यूडी जूनियर इंजीनियर के घर के अंदर छत से दूर रखे 6 लाख रुपये नकद भी बरामद किए.

संपत्ति का आकलन जारी

शांतागौड़ा बिरादर वर्तमान समय में जेवरगी सब-डिवीजन (Jewargi sub-division) में पीडब्ल्यूडी के साथ काम करता है. वह 1992 में जिला पंचायत सब-डिवीजन में सेवा में शामिल हुआ था. उसकी सेवा की पुष्टि साल 2000 में हुई थी. बुधवार को छापेमारी से परिचित अधिकारियों ने मीडिया आउटलेट्स को बताया कि जूनियर इंजीनियर की संपत्ति का आकलन किया जा रहा है.

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