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किसानों का महाधरना : आज दिल्ली कूच करेंगे किसान, बॉर्डर सील, हरियाणा और यूपी नहीं जाएगी दिल्ली मेट्रो, जान लें ये बातें

Arun Mishra
26 Nov 2020 4:17 AM GMT
किसानों का महाधरना : आज दिल्ली कूच करेंगे किसान, बॉर्डर सील, हरियाणा और यूपी नहीं जाएगी दिल्ली मेट्रो, जान लें ये बातें
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पंजाब-हरियाणा से हजारों किसान आज दिल्‍ली कूच कर रहे हैं। दिल्‍ली से लगती हरियाणा की सीमाओं पर भारी फोर्स तैनात की गई है।
नई दिल्ली : केंद्र सरकार के बनाए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब-हरियाणा के हजारों किसान 'दिल्‍ली चलो' मार्च निकाल रहे हैं। दिल्‍ली पुलिस ने किसानों को प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है, ऐसे में टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। हालात देखते हुए बॉर्डर पर भारी फोर्स तैनात है। पुलिस को साफ निर्देश हैं कि किसानों को दिल्‍ली में घुसने न दिया जाए। फिलहाल किसान करनाल के पास हैं। फरीदाबाद में धारा 144 लागू कर दी गई है। किसान राशन-पानी साथ लेकर आए हैं और उनकी योजना है कि जहां पुलिस उनको रोकेगी, वहीं धरने पर बैठ जाएंगे। पुलिस के अनुमान के अनुसार, पंजाब के लगभग 2,00,000 किसान 26 नवंबर से अपने 'दिल्ली चलो' आंदोलन के तहत दिल्ली रवाना होने के लिए तैयार हैं। किसानों के प्रदर्शन के चलते कई जगहों पर भारी जाम लग सकता है।

क्या-क्या बंद है ?

26 और 27 नवंबर को हरियाणा से पंजाब के लिए रोडवेज सेवा बंद रहेगी।

26 और 27 नवंबर को चंडीगढ़ से हरियाणा की बस सेवा भी बंद रहेगी।

फरीदाबाद में धारा-144 लागू कर दी गई है।

दिल्‍ली मेट्रो ने भी कई बदलाव किए हैं। डीएमआरसी के अनुसार, गुरुवार को दोपहर 2 बजे तक दिल्ली मेट्रो की सभी लाइन पर कुछ चुनिंदा स्टेशनों के बीच की सर्विस नहीं मिलेगी। इससे दिल्ली बॉर्डर के इलाकों वाली मेट्रो भी प्रभावित रहेगी।

फ़िलहाल कहाँ मौजूद हैं किसान?

किसानों ने हरियाणा में अलग-अलग जगह से घुसने की कोशिश की है। चूंकि दिल्‍ली से सटे पंजाब, हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश के बॉर्डर सील हैं, ऐसे में मंगलवार को किसानों ने गांवों के रास्‍ते घुसने की कोशिश की थी मगर पुलिस ने रोक लिया। फिलहाल किसान करनाल के पास बताए जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस की तरफ से किसानों को साफ कह दिया गया है कि वे किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन में शामिल न हों। यदि किसान दूसरे राज्यों से दिल्ली आए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

किसान मार्च को देखते हुए दिल्‍ली-फरीदाबाद बॉर्डर पर भारी फोर्स तैनात की गई है। यहां एक पुलिस अधिकारी ने न्‍यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "हमें साफ निर्देश मिले हैं कि भारतीय किसान यूनियन के किसी भी सदस्‍य को आज और कल दिल्‍ली में घुसने नहीं देना है। सभी जरूरी एंट्री पॉइंट्स पर पुलिस टीमें तैनात हैं।"

कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को लेकर दबाव बनाने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSS), राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन के विभिन्न धड़ों ने एक संयुक्त किसान मोर्चा का गठन किया है। प्रदर्शन को 500 से ज्यादा किसान संगठनों का समर्थन मिला है । मोर्चा के संचालन में समन्वय बनाने के लिए सात सदस्यीय कमिटी भी बनायी गई है। किसानों को आशंका है कि नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कारोबारियों की दया पर निर्भर हो जाएंगे।

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