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Lok Sabha Elections 2024: UP में इन हाई प्रोफाइल सीट पर फंसा पेंच, बीजेपी-कांग्रेस कोई नहीं तय कर पा रहा उम्मीदवार

Special Coverage Desk Editor
5 April 2024 10:18 AM GMT
Lok Sabha Elections 2024: UP में इन हाई प्रोफाइल सीट पर फंसा पेंच, बीजेपी-कांग्रेस कोई नहीं तय कर पा रहा उम्मीदवार
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Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के मतदान का यह आखिरी दिन है। वहीं, पहले चरण के मतदान की तारीख महज 2 हफ्ते दूर है। भारतीय जनता पार्टी ने 400 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है।

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के मतदान का यह आखिरी दिन है। वहीं, पहले चरण के मतदान की तारीख महज 2 हफ्ते दूर है। भारतीय जनता पार्टी ने 400 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी 200 से ज्यादा उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, लेकिन देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की 5 सीटों पर कोई भी पार्टी उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है।

इस लिस्ट में सबसे पहला नाम है रायबरेली का है। 2019 तक कांग्रेस नेताओं को इस सीट के बारे में कुछ भी सोचने की जरूरत नहीं पड़ी। इस सीट पर बीजेपी के लिए ज्यादा मेहनत करना बेकार था, लेकिन अब यहां के समीकरण बदल गए हैं। लंबे समय तक रायबरेली से सांसद रहीं सोनिया गांधी अब राज्यसभा चली गई हैं। उनके जाने के बाद कांग्रेस को कोई ऐसा उम्मीदवार नहीं मिल रहा है जो उनकी विरासत को आगे बढ़ा सके। वहीं, राहुल गांधी अमेठी में पिछला चुनाव हार गए थे। ऐसे में कांग्रेस इस सीट के लिए भी नए उम्मीदवार की तलाश में है।

इन हाई प्रोफाइल सीटों पर नहीं मिल रहे हैं उम्मीदवार

1- राबरेली

2- इलाहाबाद

3- कैसरगंज

4- फूलपुर

5- कौशांबी

बीजेपी को क्यों नहीं मिल रहे उम्मीदवार?

सोनिया गांधी और राहुल के सीटें छोड़ने के कारण कांग्रेस को नए उम्मीदवारों के चयन में समय लग रहा है, लेकिन बीजेपी भी इन सीटों पर उम्मीदवार तय नहीं कर पा रही है। यूपी की इन सीटों पर लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा है और बीजेपी अब यहां अपना गढ़ बनाना चाहती है। भारतीय जनता पार्टी अमेठी में ऐसा करने में काफी हद तक सफल रही है, लेकिन पार्टी रायबरेली और अन्य सीटों पर भी ऐसे ही उम्मीदवारों का चयन करना चाहती है। इसके अलावा दोनों पार्टियां एक-दूसरे के उम्मीदवारों को देखकर अपनी रणनीति तय कर सकती हैं। इसी वजह से दोनों पार्टियां उम्मीदवारों की घोषणा में देरी कर रही हैं।

मौजूदा सांसदों को टिकट क्यों नहीं मिल रहा?

रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहतीं। वह राजस्थान से राज्यसभा सांसद बन गई हैं। भारतीय जनता पार्टी 70 साल से अधिक उम्र के नेताओं को टिकट देने से बचती है और इलाहाबाद से सांसद रीता बहुगुणा भी 70 साल पार कर चुकी हैं। कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहते हुए लगातार विवादों में रहे। पिछले साल देश के शीर्ष पहलवानों ने उनके खिलाफ लगातार प्रदर्शन किया था और उन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। बीजेपी इस विवादित चेहरे को टिकट देने से बच रही है। केशवी पटेल ने 2019 में फूलपुर में बड़ी जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार पार्टी किसी नए चेहरे को टिकट दे सकती है। कौशांबी में राजाभैया की राजनीति के कारण मौजूदा सांसद विनोद सोनकर का टिकट कट सकता है और बीजेपी राजाभैया को समर्थन दे सकती है या उन्हें अपना उम्मीदवार बना सकती है।

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