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#MeToo: मेनका गांधी ने सभी राजनीतिक दलों को लिखी चिट्ठी, की ये मांग
मेनका गांधी ने कहा कि राजनीतिक दलों में काम कर रही महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जाना चाहिए। वे इसके पहले मीटू से जुड़े मुद्दे निपटाने के लिए एक समिति का प्रस्ताव कर चुकी हैं। लेकिन, इस समिति को अभी तक पीएमओ ने हरी झंडी नहीं दी है।
राजनीतिक दलों को लिखे गए पत्र के बारे में जानकारी देते हुए मेनका गांधी ने कहा, मैंने सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों के अध्यक्षों, प्रभारियों से आग्रह किया है कि वे आंतरिक शिकायत समिति का गठन करें, क्योंकि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न विरोधी कानून के तहत यह अनिवार्य है। उन्होंने राजनीतिक दलों की वेबसाइट पर आंतरिक समिति की सूचना देने को कहा है।
उन्होंने कहा, यह तथ्य परक बात है कि राजनीतिक पार्टियां अपने कार्यालयों में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देती हैं, जिनमें महिलाएं भी होती हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम महिलाओं के लिए कामकाज का सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करें। उन्होंने इस संबंध में 2013 के एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि उनका मंत्रालय इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का लगातार प्रयास कर रहा है। सरकार के अलावा निजी सेक्टर में समिति बनाने और इसके क्रियाकलाप की जानकारी सालाना रिपोर्ट में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
मेनका ने कहा कि उनका मंत्रालय यौन उत्पीड़न रोकने के लिए बनाई गई समितियों के सदस्यों के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था करता है। राजनीतिक दलों से अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने समिति का गठन नहीं किया है तो जल्द से जल्द इस पर अमल करते हुए रिकॉर्ड के लिए उन्हें भी अवगत कराएं।
मेनका गांधी ने कहा- 'हमने महिला आयोग से कहा है कि मीटू से संबंधित कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से जुड़ी शिकायतों को त्वरित निपटाएं। जब भी इस तरह की शिकायत सामने आए, उसका तेजी से निपटारा होना चाहिए। मैंने कार्यस्थल पर उत्पीड़न का शिकार होने वाली पीड़ित महिलाओं से अनुरोध किया है कि वे अगर चाहती हैं तो राष्ट्रीय महिला आयोग से संपर्क करें। ये महिलाएं 'शी बॉक्स डाट एनआईसी डॉट इन' पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।