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मां ने एक लाख रुपये के लिए नाबालिग बेटी बेचा, बीबीए की मदद से बच्ची को बचाया गया

Shiv Kumar Mishra
26 Jun 2023 11:45 AM GMT
मां ने एक लाख रुपये के लिए नाबालिग बेटी बेचा, बीबीए की मदद से बच्ची को बचाया गया
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Mother sold minor daughter for one lakh rupees, girl child was saved with the help of BBA

बिहार के मधुबनी स्थित मधेपुर में मां ने शादी के लिए अपनी 14 वर्षीय बेटी को एक लाख रुपये के लिए 31 वर्षीय व्यक्ति के हाथों बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में मधेपुर पुलिस ने आरोपित मां सहित छह आरोपितों के खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम- 2006 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया है. इन आरोपितों में दूल्हा, उसके पिता और रिश्तेदार, पुजारी के साथ बिचौलिये भी शामिल हैं. इस शादी को मधेपुर स्थित एक मंदिर में करवाए जाने की तैयारी थी.

इस बाल विवाह के बारे में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी की ओर से स्थापित बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) और एनजीओ सर्वो प्रयास संस्थान ने बिहार पुलिस को जानकारी दी थी. इसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की.

इस मामले की जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि आरोपित 40 वर्षीय मां संगीता देवी अपने पति से अलग होकर नाबालिग बेटी के साथ मधेपुर में रह रही थी. उस पर पहले से ही पैसे के बदले दूसरी लड़कियों की शादी करवाने के आरोप हैं. जब यह पता चला कि वह अपनी बेटी की शादी करवा रही है, तो इस पर संदेह पैदा हुआ. इस बारे में चाइल्ड हेल्पलाइन को जानकारी मिली थी. इसके बाद पुलिस और बचपन बचाओ आंदोलन को यह जानकारी दी गई.

एफआईआर के मुताबिक मध्य प्रदेश के सागर जिला निवासी आरोपित दूल्हे की उम्र 31 साल है. इसके अलावा इस शादी के लिए वर पक्ष ने नाबालिग लड़की की मां को एक लाख रुपये दिए थे.

वहीं, इस मामले में एक मां का अपनी 14 साल की बेटी की बिक्री करना चौंकाने वाली बात है. पूछताछ के दौरान नाबालिग ने बताया कि उसे अपनी मां पर भरोसा था. उससे यह कहा गया था कि जिससे उसकी शादी हो रही है, उसके पास काफी पैसा है. नाबालिग को यह भी भरोसा दिया गया था कि शादी के बाद उसकी जिंदगी में सुख ही सुख होगा.

इस मामले यह बात भी सामने आई है कि लड़की के पिता रामेश्वर मंडल ने उसकी जिम्मेदारी लेने से इन्कार कर दिया. उन्होंने दावा किया कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी.

नाबालिग को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया. इसके बाद उसे सुरक्षित बालिका गृह भेज दिया गया.

बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने कहा, “अभी भी बाल विवाह हमारे समाज के एक बड़े हिस्से में फैला हुआ है. इसके खिलाफ हमारी लड़ाई कठिन है. लेकिन प्रशासन और संस्थाओं के साथ-साथ आम लोग इसके खिलाफ काम कर रहे हैं. हम इसे खत्म करने की दिशा में काम कर रहे हैं. हमें साल 2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए सभी के सहयोग और सक्रिय भागीदारी की जरूरत है.”

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