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NewsClick row: सुप्रीम कोर्ट ने NEWS CLICK के संपादक को दिया रिहा करने का आदेश, UAPA मामले में हुए थे गिरफ्तार

Special Coverage Desk Editor
15 May 2024 8:39 AM GMT
NewsClick row: सुप्रीम कोर्ट ने NEWS CLICK के संपादक को दिया रिहा करने का आदेश, UAPA मामले में हुए थे गिरफ्तार
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NewsClick row: न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को UAPA मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं।

NewsClick row: न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को UAPA मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं। अब प्रबीर पुरकायस्थ ट्रायल कोर्ट में बेल बॉड भरकर रिहा हो गए है। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने न्यूज क्लिक में चीनी फंडिंग से भारत विरोधी गतिविधियों के आरोप में पुरकायस्थ को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे जेल में थे।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 अप्रैल को पोर्टल न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तारी के बाद उनके वकील को सूचित किए बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने में जल्दबाजी के लिए दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाए थे। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने इस तथ्य पर भी हैरानी जताई कि पुरकायस्थ के वकील को रिमांड आवेदन दिए जाने से पहले ही रिमांड आदेश पारित कर दिया गया था।

कोर्ट ने रखी ये शर्त

सुप्रीम कोर्ट ने पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और रिमांड को कानून की नजर में अवैध बताया और उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है। हालांकि, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में चार्जशीट दायर हो चुकी है, ऐसे में उनकी रिहाई ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के अनुसार जमानत और बांड प्रस्तुत करने पर निर्भर होगी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस संदीप मेहता ने इस मामले में 30 अप्रैल को सुनवाई पूरी कर ली थी। वहीं पुरकायस्थ पिछले 3 साल से UAPA के तहत जेल में थे। कोर्ट में पुरकायस्थ की ओर से कपिल सिब्बल ने दलीलें रखी।

न्यूज क्लिक मामले में क्या हैं आरोप?

दिल्ली पुलिस की FIR के मुताबिक, भारत की संप्रभुता को बाधित करने और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए न्यूज पोर्टल को बड़ी राशि चीन से मिली थी। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए एक समूह- पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) के साथ भी साजिश रची थी।

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