राष्ट्रीय

छात्रों के सुसाइड पर Supreme Court की कड़ी ट‍िप्‍पणी, 'कोचिंग संस्थान नहीं, पेरेंट्स की उम्मीदें बच्चों को जान देने के लिए कर रहीं मजबूर'

Arun Mishra
22 Nov 2023 5:35 AM GMT
छात्रों के सुसाइड पर Supreme Court की कड़ी ट‍िप्‍पणी, कोचिंग संस्थान नहीं, पेरेंट्स की उम्मीदें बच्चों को जान देने के लिए कर रहीं मजबूर
x
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोटा कोचिंग संस्थानों पर रोक लगाने से साफ-साफ इनकार कर दिया है..!

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोटा कोचिंग संस्थानों पर रोक लगाने से साफ-साफ इनकार कर दिया है और साथ ही मां-बाप पर कड़ी टिप्पणी की है. याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'राजस्थान के कोटा में छात्रों की बढ़ती आत्महत्याओं के लिए कोचिंग संस्थानों को दोषी ठहराना उचित नहीं है क्योंकि माता-पिता की उम्मीदें भी बच्चों को अपनी जीवनलीला समाप्त करने के लिए विवश कर रही हैं.'

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह टिप्पणी मुख्य रूप से राजस्थान के कोटा में छात्रों की बढ़ती आत्महत्याओं को लेकर की है. इस साल अब तक कोटा के अलग-अलग कोचिंग संस्थानों में 24 छात्रों के सुसाइड की खबरें आई हैं. कोर्ट ने कहा कि हम में से अधिकतर कोचिंग संस्थानों को पसंद करना नहीं चाहेंगे. आजकल परीक्षाएं इतनी प्रतिस्पर्धात्मक हो गई हैं और माता-पिता बच्चों से इतनी ज्यादा उम्मीदें लगा लेते हैं कि बच्चे उन पर खरा नहीं उतर पाते. प्रतियोगी परीक्षाओं में बच्चे आधे अंक या एक अंक से असफल हो जाते हैं.

'समस्या अभिभावकों की है'

जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली दो जजों की बेंच ने प्राइवेट कोचिंग सेंटर को रेगुलेट करने और उनके लिए एक स्टैंडर्ड तय करने के लिए कानून बनाने की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए ये टिप्पणी की. अदालत ने कहा, "समस्या अभिभावकों की है, कोचिंग संस्थानों की नहीं."

शीर्ष अदालत ने कहा कि ये नीतिगत मामला है. बच्चे अपने मां-बाप की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे हैं, जिस वजह से वो आत्महत्या कर रहे हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा और उनके अभिभावकों का दबाव आत्महत्या के बढ़ते मामलों की वजह है.

Next Story