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अपनी ही बनाई नीति में उलझे पीएम मोदी तो अर्थशास्त्रीयों से मांगे ये सुझाव?

Sujeet Kumar Gupta
9 Jan 2020 10:06 AM GMT
अपनी ही बनाई नीति में उलझे पीएम मोदी तो अर्थशास्त्रीयों से मांगे ये सुझाव?
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सरकार 2020-21 के लिए बजट प्रस्ताव तैयार करने में जुटी है।

नई दिल्ली। नीति आयोग में पीएम नरेंद्र मोदी की बजट को लेकर आज अर्थशास्त्रीयों के साथ अहम बैठक हुई है। इसके बाद अर्थशास्त्री चरण सिंह का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में खर्च बढ़ाए जाने की जरूरत है ना कि इनकम टैक्स में रियायत देने की. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा है कि अगर सरकार की नीति में कोई खामी है तो अर्थशास्त्री हमें बताएं हम सुधार करने के लिए तैयार हैं. इसका सभी अर्थशास्त्रियों ने स्वागत किया है।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उपायों और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक की है. यह बैठक ऐसे समय में हुई, जब मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के पांच प्रतिशत से नीचे रहने की आशंका जताई जा रही है।

बैठक के बाद उद्योगपति अरविंद मेलिगिरी ने बताया कि विभिन्न सेक्टर के लोगों ने अलग-अलग सुझाव दिए हैं. प्रधानमंत्री ने हम सभी के सुझाव बहुत सकारात्मक तरीके से सुने. मैंने भी प्रोजेक्ट की मंजूरी को और सरल बनाने पर सुझाव दिया है।

इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और अन्य मंत्रियों के अलावा नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार , मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत भी शामिल हुए. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय भी इस बैठक में मौजूद थे. सरकार 2020-21 के लिए बजट प्रस्ताव तैयार करने में जुटी है.

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू होकर तीन अप्रैल तक चलेगा. इस दौरान एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया जाएगा. न्‍यूज एजेंसी पीटीआई सूत्रों के मुताबिक संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से तीन अप्रैल तक दो चरणों में रखने का सुझाव दिया है बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल तक चलेगा. बजट सत्र के बीच में करीब एक महीने का अवकाश रखा जाता है।

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