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चीन को 1126 करोड़ का झटका देने की तैयारी में भारत, दिल्ली-मेरठ RRTS प्रोजेक्ट हो सकता है रद्द

Arun Mishra
17 Jun 2020 9:48 AM GMT
चीन को 1126 करोड़ का झटका देने की तैयारी में भारत, दिल्ली-मेरठ RRTS प्रोजेक्ट हो सकता है रद्द
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इस प्रोजेक्ट के अलावा कई और प्रोजेक्ट को भी रद्द किया जा सकता है.

नई दिल्ली : चीन के साथ गलवान घाटी में हुए विवाद के बाद भारत ने चीन पर कड़े आर्थिक फैसले लेने की तैयारी कर ली है. भारत कई बड़े प्रोजेक्ट जिनमें चीन की कंपनियों को ठेके दिए गए हैं, उन पर दोबारा फैसला ले सकता है. सरकार के इस फैसले का असर दिल्ली-मेरठ सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर पड़ सकता है. सरकार इसका ठेका एक चीनी कंपनी को मिलने वाला था. इसके लिए सभी तैयारी पूरी हो चुकी है. अब सरकार ने इस फैसले को रद्द करने जा रही है. इसके लिए कानूनी सलाह ली जा रही है. इस प्रोजेक्ट के अलावा कई और प्रोजेक्ट को भी रद्द किया जा सकता है.

चीन को कंपनी ने लगाई थी सबसे कम बोली

दिल्ली-मेरठ ​रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) प्रोजेक्ट के अंडरग्राउंड स्ट्रेच बनाने के लिए सबसे रकम की बोली एक चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (STEC) ने लगाई है. 12 जून को हुई बिडिंग में चीन की शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड सबसे कम रकम की बोली लगाने वाली कंपनी बनी है. इसके तहत दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर में न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद के बीच 5.6 किमी तक अंडरग्राउंड सेक्शन का निर्माण होना है. इस पूरे प्रोजेक्ट का प्रबंधन नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) द्वारा किया जा रहा है. इसके लिए पांच कंपनियों ने बोली लगाई थी.

बायकॉट चाइना की मुहित तेज

सरकार ही नहीं आम लोग भी चीन को आर्थिक मोर्चे पर सबक सिखाने के लिए बायकॉट चाइना प्रोडक्ट की मुहित शुरू हो गई है. कई शहरों में चीन के सामान की होली जलाई गई. इससे पहले इस तरह का माहौल देश में डोकलाम विवाद के दौरान देखा गया था. भारत में चीन के खिलाफ शुरू हुई इस मुहिम से चीन की आर्थिक मोर्च पर चोट लगना तय माना जा रहा है.

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