राष्ट्रीय

दलित मुस्लिम आरक्षण की आवाज़ उठते ही दलित समुदाय द्वारा विरोध ?

Shiv Kumar Mishra
9 July 2023 3:42 PM GMT
दलित मुस्लिम आरक्षण की आवाज़ उठते ही दलित समुदाय द्वारा विरोध ?
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Protest by the Dalit community as soon as the voice of Dalit Muslim reservation is raised

अंसार इमरान

जैसे ही मुस्लिम आरक्षण की बात शुरू हुई है ज्यादातर दलित बुद्धिजीवी और अंबेडकरवादी मीडिया का दंभ भरने वाले लोग इसके विरोध में खड़े हो गए। तर्क वितर्क सब चल रहा है। कुल मिलाकर यह है कि मुसलमानों को दलित आरक्षण में शामिल किसी भी कीमत पर नहीं करना चाहिए, यही फ़िलहाल दलित समाज का एक मात्र एजेंडा है।

हमारे यहां बहुत लंबे समय से 'दलित-मुस्लिम एकता' के नाम पर एक बहुत लंबा चौड़ा ज्ञान मिलता था जिसमें मुस्लिम और दलित दोनों तरफ के नेता व् बुद्धिजीवी होते थे मगर जैसे ही मुस्लिम आरक्षण की बात हुई यह एकता धरी की धरी रह गई और पूरा दलित समाज इसके विरोध में उठ खड़ा हुआ मिल रहा है।

इस विरोध में सबसे बड़ा तर्क ये दिया जा रहा है कि दलित (SC) आरक्षण धार्मिक तौर पर उत्पीड़न की वजह से दिया गया है। इसलिए मुसलमान और ईसाईयों को इसमें शामिल नहीं किया जा सकता है। मगर ये सभी लोग सिखों और बुद्ध को दिये गए आरक्षण का कोई पुख्ता जवाब नहीं दे पाते है। रही बात उत्पीड़न की तो धार्मिक तौर पर मुसलमानों के उत्पीड़न को क्या कमतर माना जा रहा है जिसमें कई सदियों से मुसलमानों अपनी जान कुर्बान करता हुआ आ रहा है और अभी भी जारी है।

OBC आरक्षण को भी दलित आरक्षण न देने का आधार बनाया जा रहा है। तो महाराज सीधी सी बात है ओबीसी आरक्षण में भी बहु गिनती हिन्दू समुदाय की जातियों की ही है मुसलमानों के हिस्से तो केवल रेवड़ी ही आती है। विरोध करने वाले लोगों की मानसिकता की अंदाजा इस बात से लगायें कि एक तरफ तो ये लोग पिछड़ेपन की वजह से OBC आरक्षण की बात कर रहे है मगर जैसे ही मुस्लिम आरक्षण की बात होती है तो फ़ौरन कट्टर हिन्दू का तगमा पहन लेते है।

दलित समाज जिस समाजिक न्याय की लड़ाई की बात करता है जैसे ही उसमें मुस्लिम शामिल होते है वो बहुत अनकम्फर्ट और उत्तेजित हो जाता है। अक्सर आपने देखा होगा कि दलित नेता मुसलमानों को भी गाली देते हुए मनुवादी की उपाधि से नवाजते है। मुस्लिम आरक्षण का अगर समर्थन दलित समाज करता तो ये उस गठजोड़ या एकता का सबब बनता जिसकी काट किसी भी राजनीतिक धुर के पास नहीं होती।

अगर भाजपा सरकार मुसलमानों को भी दलितों में शामिल करने और उसकी बुनियाद पर आरक्षण की व्यवस्था करती है तो ये इस सरकार वो मास्टर स्ट्रोक होगा जो इस देश की राजनीती को ही तब्दील कर के रख देगा। भाजपा का मुस्लिम बनवास एक पल में ख़त्म हो जायेगा और मुसलमानों की एक बड़ी आबादी 2024 में भाजपा को वोट करेगी और भाजपा अपने इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज़ करेगी।

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