राष्ट्रीय

गलवान घाटी में शहीद लांसनायक दीपक सिंह की पत्नी ने अब लेफ्टिनेंट बनकर पूरा किया सपना, शादी के महज 15 महीने में हो गए थे शहीद

Arun Mishra
8 May 2022 4:53 AM GMT
गलवान घाटी में शहीद लांसनायक दीपक सिंह की पत्नी ने अब लेफ्टिनेंट बनकर पूरा किया सपना, शादी के महज 15 महीने में हो गए थे शहीद
x
बताते चले कि मात्र 30 साल की उम्र में दीपक सिंह ने देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।

भारत-चीन सीमा पर 15 जून 2020 को चीनी सैनिकों के साथ हुए संघर्ष में शहीद हुए बिहार रेजिमेंट के लांसनायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह ने लेफ्टिनेंट की परीक्षा पास कर ली है। एक साल ट्रेनिंग के बाद वो लेफ्टिनेंट पद पर योगदान देंगी। वीर चक्र से सम्मानित दीपक सिंह शादी के महज 15 महीने बाद ही इस हिंसक झड़प में शहीद हो गए और उनके परिवार पर मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा लेकिन पत्नी रेखा सिंह ने हिम्मत नहीं हारी। इसी का परिणाम है कि रेखा सिंह का अब लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हो गया है।

रेखा सिंह आर्मी में जाने के अपने फैसले पर कहती हैं, 'यह मेरे पति का सपना था जिसने मुझे भारतीय सेना में जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। मैंने शिक्षक की नौकरी छोड़कर सेना में अधिकारी बनने का मन बना लिया था। मैं 28 मई से चेन्नई में उसकी ट्रेनिंग शुरू करूंगी।' रेखा सिंह के लिए यह सफलता इतनी आसान नहीं थी उन्होंने इसके लिए नोएडा में जाकर भर्ती परीक्षा की तैयारियां की लेकिन पहले प्रय़ास में सफल नहीं हुईं। रेखा सिंह ने हिम्मत नहीं हारी और फिर से तैयारी शुरू कर दी। अंतत: सफलता मिली और लेफ्टिनेंट के पद के लिए चयनित हो गई हैं।

बताते चले कि मध्यप्रदेश के रीवा के फरेंदा निवासी लांसनायक दीपक सिंह का मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों दीपक की पत्नी रेखा ने ही यह सम्मान ग्रहण किया था।

बताते चले कि मात्र 30 साल की उम्र में दीपक सिंह ने देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। वो बिहार रेजिमेंट में लांसनायक के पद पर कार्यरत थे। 15 जून 2020 को लद्दाक की गलवान घाटी में हुए संघर्ष में 20 जवान शहीद हुए थे। इस संघर्ष में भारतीय सैनिकों ने चीनी सेनाओं का जमकर मुकाबला किया था। भारतीय सेनाओं के संघर्ष को देखकर चीनी सैनिक उल्टे पांव भाग गए थे। इस घटना में चीन के भी दर्जनों सैनिकों की मौत हुई थी।

दूसरी तरफ रेखा ने पति की शहादत को याद करते हुए बताया कि शादी के बाद पहली बार होली के अवकाश पर घर आए थे। दीपक ने अपनी पत्नी के लिए कश्मीरी शॉल और लहंगा लाने का वादा किया था। शहीद होने से ठीक 15 दिन पूर्व ही दीपक सिंह ने अपने परिवार से फोन पर बात की थी। उसके बाद वह मां भारती की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। आज उनकी पत्नी रेखा ने जिस हौसले से सेना में लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया वो गौरवान्वित करने वाला है।

Next Story