
1 विधानसभा, 80 हजार मुस्लिम वोटर, वोट डिलीट करने की BJP की चिठ्ठी मिली?
पूर्वी चंपारण के ढाका विधानसभा क्षेत्र के करीब 80,000 मुसलमानों के नाम कटवाने के लिए यह गलत या झूठा दावा किया गया है कि ये भारतीय नागरिक नहीं हैं।
इसके लिए औपचारिक, लिखित आवेदन किए गए हैं। एक आवेदन भाजपा के विधायक पवन कुमार जयसवाल के निजी सहायक की ओर से है। दूसरा भाजपा के राज्य मुख्यालय के छपे हुए लेटर हेड पर किया गया है।
रिपोर्टर्स कलेक्टिव के अनुसार यह एक व्यवस्थित और लक्षित कोशिश है जिसका निशाना ढाका के मुस्लिम मतदाताओं को एक साथ मतदाता सूची से हटा देना था।
यह दिलचस्प है कि मतदाता सूची से इस तरह छेड़-छाड़ करने की कोशिश और इसके लिए गलत सूचना देना अपराध है लेकिन चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
इन मतदाताओं के मामले में चुनाव आयोग क्या फैसला लेगा इसका पता एक अक्तूबर को तब चलेगा जब तैयार मतदाता सूची जारी होगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भाजपा विधायक ने आरोपों के जवाब नहीं दिये उल्टे राजद द्वारा 40 हजार हिन्दू वोट हटाने की कोशिश करने के आरोप लगाये हैं। हालांकि इसका कोई सबूत नहीं दिया है। वैसे भी राजद ने गलत किया होगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिये लेकिन उसके लिए भाजपा को छोड़ नहीं दिया जाना चाहिये।
रिपोर्ट में भारतीय जनता पार्टी के एक बीएलए, शिव कुमार चौरसिया के नाम और दस्तखत वाला एक फॉर्म है जो 10 मुस्लिम वोटर के नाम हटाने का आवेदन है। कारण यह बताया गया है कि ये मृत वोटर हैं। अगर यह सूची सही भी हो भाजपा का बीएलए मुस्लिम मतदाताओं के नाम हटवा रहा है और सूचना का स्रोत वाले कॉलम में लिखा है, चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित मापदंडों के विरुद्ध मतदाता है। मतलब फॉर्म कुछ कारण कुछ और उसे सूचना के स्रोत वाले कॉलम में लिखा जाना। इस फॉर्म में यह भी लिखा है कि यह सूचना सही है और मुझे जो मतदाता सूची दी गई है उसके हिस्से की जांच के आधार पर दी जा रही है और गलत घोषणा के दंड प्रावधानों की जानकारी है। यह फॉर्म अंग्रेजी में है और दस्तखत व नाम भी अंग्रेजी में है। किसी अलग कलम, स्याही और लिखावट में पार्टी वाले कॉलम में बीजेपी लिखा है और यह भाजपा की मिलीभगत तथा अपराध का पक्का सबूत है। खबर यह भी है कि एक बीएलए एक दिन में 10 ही वोटर के नाम डिलीट करने का आवेदन कर सकता है और इसमें 10 नाम हैं और सबके सब मुसलमानों के लगते हैं। खबर के अनुसार 19 से 31 अगस्त के 13 दिनों में रोज 10 के हिसाब से कुल 130 नाम हटाने के आवेदन दिये गये हैं।
ड्राफ्ट मतदाता सूची से नाम काटने का आवेदन देने के अंतिम दिन अनुलग्नकों के साथ एक और आवेदन जमा किया गया है। इसपर भाजपा के बूथ लेवल एजेंट धीरज कुमार के दस्तखत हैं और यह विधायक का निजी सहायक है। यह आवेदन 78384 नाम हटाने के लिए था। बाद में प्रदेश भाजपा के लेटर हेड पर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को चिट्ठी लिखकर इन 78384 नामों को हटाने की मांग की गई। इस बार कारण बताया गया कि ये भारत के नागरिक हैं ही नहीं। इसपर जिस लोकेश के दस्तखत हैं उसका पता बिहार भाजपा के संबंधित पदाधिकारी को नहीं है। हो सकता है किसी ने फर्जी चिट्ठी भेजी हो लेकिन भाजपा ने इसकी कोई शिकायत नहीं की है और न इसे संज्ञान में नहीं लेने का कोई पत्र मिला।