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दो मई को 0, अब 499 केस.. पढ़िए चौंकाने वाली रिपोर्ट

Shiv Kumar Mishra
5 Jun 2020 3:04 AM GMT
दो मई को 0, अब 499 केस.. पढ़िए चौंकाने वाली रिपोर्ट
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राजस्थान के गांवों में शहरों से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव

भारत में कोरोना वायरस के शुरुआती मामले विदेश से लौटे लोग या उनके कॉन्‍टैक्‍ट्स थे। धीरे-धीरे जब कोरोना के मरीज बढ़े तो प्रकोप गांवों के मुकाबले शहरों में बहुत ज्‍यादा था। गांवों तक कोरोना पहुंचने का मतलब था कि इन्‍फेक्‍शन को फैलने से रोकना बहुत मुश्किल हो जाएगा। इन्‍फेक्‍शन रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया। दो महीने से भी ज्‍यादा वक्‍त तक लॉकडाउन रहा।

इस बीच, दूसरे राज्‍यों में रहने वाले कई लाख मजदूर पैदल या जो भी निजी साधन बन पड़ा, उससे गांव निकल पड़े। जैसे-जैसे वो गांव पहुंचे, गांवों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे। उत्‍तर प्रदेश हो, राजस्‍थान या फिर ओडिशा, ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 केसेज की संख्‍या बढ़ रही है। राजस्‍थान के ग्रामीण इलाकों में शहरों से ज्‍यादा कोरोना के मामले हो गए हैं।


जहां लौटे ज्‍यादा प्रवासी, केसेज तेजी से बढ़े

कई राज्यों में प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद से कोरोना मामलों में 30 से 80 फीसदी का उछाल देखा गया है। प्रवासियों की वापसी के साथ राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में कोरोना के कुल मामले शहरी क्षेत्रों में मुकाबले ज्यादा हो गए हैं।


शहरों के बाद अब महाराष्‍ट्र के गांवों में फैला कोरोना

महाराष्‍ट्र के ग्रामीण इलाकों में पहले कोरोना वायरस के मामले बेहद कम थे। अब उन इलाकों में मामले शहरों और अर्द्धशहरी इलाकों से भी ज्‍यादा तेजी से बढ़ रहे हैं।

ओडिशा के गंजम में 2 मई तक 0, अब 499 केस

ओडिशा में अब तक करीब 4.5 लाख मजदूर दूसरे राज्यों से वापस आए हैं। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा समय में 80 फीसदी कोरोना केस अब ग्रामीण इलाकों के ही हैं। समस्या का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि जिस गंजम जिले में 2 मई तक कोरोना का एक भी केस नहीं था वहां अब 499 मामले हैं और 3 मरीजों की मौत हो चुकी है।


कई राज्‍यों में ऐसा ही ट्रेंड

राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में कोरोना के कुल मामले शहरी क्षेत्रों में मुकाबले ज्यादा हो गए हैं। चिंता की बात ये है कि यह ट्रेंड सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं है।

यूपी के 70 फीसदी कोरोना केस प्रवासी मजूदर

उत्तर प्रदेश में करीब 30 लाख प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों से वापस आए हैं। ऐक्टिव मामलों को देखें तो बस्ती और अमेठी जैसे छोटे जिले क्रमशः दूसरे और तीसरे पायदान पर आ गए हैं। 2 जून तक बस्ती में कोरोना के ऐक्टिव मामलों की संख्या 183 थी और अमेठी में ऐक्टिव केस 142 थे। यूपी के आंकड़ों से साफ है कि प्रवासी मजदूरों की वापसी के साथ कैसे कोरोना के मामलों में तेजी आई है। 2 जून तक राज्य के 3324 ऐक्टिव मामलों में से 70 फीसदी प्रवासी मजदूरों से जुड़े थे।


आंध्र प्रदेश में एक महीने पहले तक कोरोना के करीब 90 फीसदी मामले शहरी क्षेत्रों से ही मिल रहे थे। हालांकि अब ग्रामीण इलाकों से भी तेजी से केस सामने आने लगे हैं। अधिकारी इसके पीछे प्रवासी मजदूरों की आवाजाही को जिम्मेदार मानते हैं।

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