
जल्लीकट्टू को मंजूरी देने वाले तमिलनाडु के क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर

सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने जल्लीकट्टू के खेल को मंजूरी देने वाले तमिलनाडु के क़ानून पर मुहर लगा दी है. इसके साथ ही जल्लीकट्टू पर तमिलनाडु के क़ानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाले वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
तमिलनाडु सरकार की ओर से ये दलील दी गई थी कि जल्लीकट्टू का खेल उनके राज्य की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है.
इस क़ानून को बरकरार रखने का फ़ैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये परंपरा पिछली कुछ सदियों से चली आ रही है.
कोर्ट ने कहा कि इस क़ानून को राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिल गई है और अब इसमें दखल नहीं दिया जा सकता है. तमिलनाडु के क़ानून में कोई खामी नहीं है और ये पूरी तरह से वैध है.
अदालत ने कहा कि कौन सी चीज़ सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है और क्या नहीं, इसका फ़ैसला करने के लिए विधायिका सबसे बेहतर संस्थान है, ये निर्णय न्यायपालिका नहीं कर सकती है.




