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नई दिल्ली : साल 2020 पता नहीं कितनी मनहूस साबित होगी. बड़ी खबर सामने आ रही है. मशहूर शायर राहत इंदौरी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे. इंदौर के अरविंदो अस्पताल में इलाज चल रहा था. कोरोना का उपचार चल रहा था. जानकारी के मुताबिक, दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है.
राहत इंदौरी का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर में 1 जनवरी, 1950 हुआ था. उनके पिता का नाम रफ्तुल्लाह कुरैशी और माता का नाम निशा बेगम है. बता दें, उनके पिता कपड़ा मिल के कर्मचारी थे.
उनकी शुरुआती पढ़ाई इंदौर के स्कूल से हुई और इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में ग्रेजुएशन की डिग्री ली. जिसके के बाद 1975 में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एम.ए की डिग्री ली. 1985 में मध्य प्रदेश के भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की.
यहां पढ़ें राहत इंदौरी के लिखे गए 10 मशहूर शेर
1. न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा
2. उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
3. दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए
4. नए किरदार आते जा रहे हैं
मगर नाटक पुराना चल रहा है
5. हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते
6. मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी
7. घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है
8. ये हवाएँ उड़ न जाएँ ले के काग़ज़ का बदन
दोस्तो मुझ पर कोई पत्थर ज़रा भारी रखो
9. अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है