
देश मे फैल रहा लंपी बायरस का प्रकोप ,वायरस की बजह से चली गई, हजारो मवेशियों की जान।

देश के दो राज्यों में एक खतरनाक वायरस की चपेट में आकर 1200 से अधिक मवेशियों की मौत हो गई। लेकिन मृत मवेशियों के शव ट्रैक्टर ट्राली से डंपिंग यार्ड में फेंके जा रहे हैं। जिससे दुर्गंध फैलने से मानवीय जीवन को भी खतरा पैदा हो गया है। मरने वाले पशुओं में गाय और भैंस की संख्या ज्यादा है।
उधर गुजरात के मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि इसकी रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि गुजरात में अब तक लम्पी त्वचा रोग के कारण कुल 999 मवेशियों की मौत हो चुकी है। जिन जिलों में ये लंपी वायरस फैला हुआ है उनमें राजकोट, जिस कारण वहाँ पशु पालकों में हड़कंप मचा हुआ है, जबकि प्रशासन भी सब सुरक्षित के दावे कर रहा है। भुज शहर से जो तस्वीरें आ रही हैं उनमें नागोर रोड की डंपिंग साइट पर सैकड़ों गायों के शव पड़े हुए हैं। यहाँ पशुपालन विभाग के मुताबिक, 'लम्पी वायरस' से 1000 पशुओं की जान जा चुकी है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अब तक 2 लाख 68 हजार से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। इसके बावजूद कई जिलों के वायरस का खौफ फैल रहा है।
एक जानकारी के अनुसार सौराष्ट्र के लोधिका, जसदण, गोंडल तहसीलों के करीब 276 गावों में लंपी वायरस का संक्रमण फैल चुका है। राजकोट के अलावा जामनगर, द्वारका समेत कई जिलों में डंपी वायरस ने कहर बरपा रखा है। शवों के निस्तारण की सही व्यवस्था न होने के कारण शवों की दुर्गंध से गांव वाले परेशान हैं।
उधर राजस्थान में इस गंभीर बीमारी की वजह से अकेले जोधपुर जिले में पिछले दो सप्ताह में 254 मवेशियों ने इस बीमारी के कारण दम तोड़ दिया है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि तीन महीने की अवधि में लगभग 25,000 पशुओं में यह संक्रमण फैल गया है।
माजिद अली खां
माजिद अली खां, पिछले 15 साल से पत्रकारिता कर रहे हैं तथा राजनीतिक मुद्दों पर पकड़ रखते हैं. 'राजनीतिक चौपाल' में माजिद अली खां द्वारा विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक विश्लेषण पाठकों की सेवा में प्रस्तुत किए जाते हैं. वर्तमान में एसोसिएट एडिटर का कर्तव्य निभा रहे हैं.