राष्ट्रीय

25 करोड़ रुपए जीत कर भी दुखी है ये ऑटो ड्राइवर, अब इस वजह से रो रहा है किस्मत का रोना

Shiv Kumar Mishra
25 Sep 2022 12:39 PM GMT
25 करोड़ रुपए जीत कर भी दुखी है ये ऑटो ड्राइवर, अब इस वजह से रो रहा है किस्मत का रोना
x

टीवी और सिनेमा का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है. एक निजी चैनल पर प्रसारित हो रहे शो की वजह से देशभर में 'करोड़पति' (Crorepati) शब्द की चर्चा जोर शोर से हो रही है. कहीं ज्ञान के नाम पर पैसा बट रहा है, तो कहीं पर सरकार ही करोड़ों की लॉटरी (Lottery) का लकी ड्रा (Lucky Draw) निकालकर लोगों की किस्मत बदल रही है. इस बीच भारत में एक शख्स ऐसा भी है जो 25 करोड़ जीतने के बाद भी खुश नहीं है. आखिर क्या वजह है इसकी आइए बताते हैं.

केरल सरकार ने किया मालामाल

25 करोड़ जीतने वाले शख्स का नाम अनूप है जो एक ऑटो ड्राइवर हैं. केरल सरकार के मेगा ओनम राफेल ड्रा के लिए उन्होंने अपनी बचत की गुल्लक तोड़कर एक टिकट खरीदा था जिसने उनकी जिंदगी बदल दी. जैसे ही उनके करोड़ों के मालिक होने का ऐलान हुआ तो उन्होंने भी अपने परिजनों के साथ जमकर खुशियां मनाईं.

चार दिन की चांदनी फिर जीना मुहाल!

'न्यू इंडियन एक्सप्रेस' में प्रकाशित खबर के मुताबिक, अचानक से लोगों ने उनका जीना हराम कर दिया है. अब अनूप अपनी किस्मत का रोना रोकर, अपने दिमाग की शांति के लिए ऐसे लोगों से छुटकारा पाना चाह रहे हैं. ऑटोरिक्शा चालक अनूप का कहना है कि उन्हें अपनी जीत का पछतावा है. सोशल मीडिया पर अपना दुखड़ा रोते हुए अनूप ने कहा, 'मैंने मन की सारी शांति खो दी है और मैं अपने घर में भी नहीं रह सकता क्योंकि मैं उन लोगों से घिरा हुआ हूं जो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मुझसे मिलना चाहते हैं. परेशान होकर मैं जगह बदलता रहता हूं.'

25 करोड़ की लॉटरी जीतने पर मिलेंगे करीब 16.25 करोड़ रुपये

आगे अनूप ने ये भी कहा कि मैं अपने घर के बाहर भी नहीं निकल पा रहा हूं. लोग मेरे पीछे पड़ गए हैं और लगातार मदद चाह रहे हैं. वो इसके लिए मेरे ऊपर दबाव बना रहे हैं. ऐसे ऐसे लोग पैसे मांग रहे हैं जिन्हें मैं जानता तक नहीं हूं. अनूप अब अपने सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल लोगों को ये बताने के लिए भी कर रहे हैं कि उन्हें अभी पैसा नहीं मिला है. बताते चलें कि सरकारी नियमों के तहत टैक्स काटकर उनके खाते में 16 करोड़ 25 लाख रुपये आने हैं. अनूप ने कहा, 'मदद मांगने वालों में दूर दूर के एनजीओ और समाजसेवी संगठन के लोग आ रहे हैं. लोग बधाई देने के बहाने आते हैं और घंटों तक घर के बाहर बैठे रहते हैं.'

Next Story