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UTTARAKHAND: जंगलों में आग लगाकर मशहूर होना चाहते थे 3 बिहारी मजदूर, जानें ग्राउंड पर अब कैसी है सिचुएशन

Special Coverage Desk Editor
5 May 2024 6:17 PM GMT
UTTARAKHAND: जंगलों में आग लगाकर मशहूर होना चाहते थे 3 बिहारी मजदूर, जानें ग्राउंड पर अब कैसी है सिचुएशन
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Uttarakhand: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग ने अब विकराल रूप धारण कर दिया है। इसी आग की चपेट में आने से 65 वर्षीय महिला बुरी तरह से झुलस गई हैं। वहीं घायल महिला को आनन-फानन में परिजनों के द्वारा अस्पताल ले जाया गया था।

Uttarakhand: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग ने अब विकराल रूप धारण कर दिया है। इसी आग की चपेट में आने से 65 वर्षीय महिला बुरी तरह से झुलस गई हैं। वहीं घायल महिला को आनन-फानन में परिजनों के द्वारा अस्पताल ले जाया गया था। हालत नाजुक होने से डॉक्टरों ने उसेऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया। जिसके बाद देर राक को महिला ने दम तोड़ दिया था। इसके अलावा इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया हैं।

अधिकारियों ने कहीं ये बात

बत दे कि अधिकारियों ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने शनिवार (4 मई) को राज्य में जंगल की आग को बढ़ावा देने के आरोप में बिहार से तीन लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने के बाद एक वीडियो सामने आया जिसमें तीन युवक जंगल की आग को बढ़ावा दे रहे थे।कथित वीडियो में एक युवक को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "आग से खेलने वालों को कोई चुनौती नहीं देता और बिहारियों को कभी चुनौती नहीं दी जाती।" कहां जा रहा है कि तीनों युवक मशहूर होना चाहते थे। आरोपियों की पहचान बिहार के रहने वाले ब्रिजेश कुमार, सलमान और शुखलाल के रूप में हुई है। इसके साथ ही अधिकारियों ने कहा, "उन पर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 और भारतीय दंड संहिता की कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।"

अधिकारी ने कहा कि पुलिस और वन विभाग जंगल की आग से प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करेंगे और देखेंगे कि आग की लपटें दुर्घटनावश लगी थीं या जानबूझकर। उत्तराखंड के डीजीपी ने कहा, "ध्यान देने वाली बात यह है कि उत्तराखंड का 70 फीसदी हिस्सा वनों से ढका हुआ है। यह वन और वन्यजीव संरक्षण को न केवल वन विभाग के लिए बल्कि पुलिस विभाग के लिए भी सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय बनाता है।"हालाँकि पूरे राज्य में जंगल जल रहे हैं, लेकिन कुमाऊँ क्षेत्र इससे सबसे अधिक प्रभावित हुआ है क्योंकि यहाँ आग लगने की सबसे अधिक घटनाएँ सामने आई हैं।

वहीं इस क्षेत्र में 1 नवंबर से अब तक 460 से अधिक आग की घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें 623 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि जलकर खाक हो गई है। जंगलों से उठते धुएं के कारण शुक्रवार को नैनीताल शहर में धुंध छा गई। डॉक्टरों का कहना है कि धुएं से भरी हवा ब्रोंकाइटिस और अस्थमा से पीड़ित लोगों की समस्या बढ़ा सकती है।

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