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नागपुर में RSS की दशहरा रैली, 2024 के चुनाव को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत की बड़ी अपील

Arun Mishra
24 Oct 2023 6:09 AM GMT
नागपुर में RSS की दशहरा रैली, 2024 के चुनाव को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत की बड़ी अपील
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संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर हिंसा, लोकसभा चुनाव, अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन जैसे कई मुद्दों पर बात की।

नागपुर में आरएसएस की दशहरा रैली निकाली गई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना सितंबर 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार ने दशहरा के दिन की थी। आरएसएस हर साल नागपुर के रेशमबाग़ मैदान में दशहरे पर कार्यक्रम का आयोजन करता है। इस कार्यक्रम में सिंगर शंकर महादेवन बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए। रेशिमबाग मैदान में RSS चीफ मोहन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित किया।

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर हिंसा, लोकसभा चुनाव, अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन जैसे कई मुद्दों पर बात की। साथ ही उन्होंने एक अपील भी की. उन्होंने कहा, कि 2024 चुनाव के दौरान किसी के बहकावे और उकसावे में न आएं. सबका अनुभव लेकर ही ‘बेस्ट’ को वोट दें.

मोहन भागवत ने कहा- कुछ लोग नहीं चाहते कि भारत में शांति हो। समाज में कलह फैलाने की कोशिश हो रही है। कट्टरता से उन्माद फैलता है। इसी की वजह से दुनिया में युद्ध हो रहे हैं। भागवत ने कहा- दुनिया में भारतीयों का गौरव बढ़ रहा है। हमारा देश हर क्षेत्र में तेजी से तरक्की कर रहा है। दिल्ली में जी-20 समिट का आयोजन हुआ। इसमें विदेशी मेहमानों के सत्कार को लेकर भारत की सराहना हुई। दुनिया ने विविधता से सजी हमारी संस्कृति का गौरव अनुभव किया।

देखिए- मोहन भागवत की पूरी स्पीच?


भागवत ने कहा- 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। लोगों की भावनाएं भड़काकर वोट मांगने की कोशिश नहीं होनी चाहिए, लेकिन ये फिर भी होता है। ये समाज की एकता को चोट पहुंचाती हैं। वोट डालना हर व्यक्ति का कर्तव्य है। देश की एकता, अखंडता, अस्मिता और विकास जैसे अहम मुद्दों को ध्यान में रखकर अपना वोट डालें।

सामाजिक अराजकता पर भागवत ने कहा- समाज विरोधी कुछ लोग खुद को सांस्कृतिक मार्क्सवादी या वोक यानी कहते हैं, लेकिन उन्होंने मार्क्स को 1920 दशक से भुला रखा है। वे दुनिया की सभी शुभ चीजों, संस्कृति का विरोध करते हैं। वे लोग अराजकता का प्रचार-प्रसार करते हैं।

RSS चीफ ने दावा किया कि मणिपुर में हिंसा करवाई गई है। उन्होंने कहा- मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय सालों से एक साथ रहते रहे हैं। इनके बीच सांप्रदायिक आग कैसे लगी? क्या हिंसा करने वाले लोगों में सीमा पार के कट्टरपंथी भी थे?

वहां सालों से सबकी सेवा करने में वाले संघ जैसे संगठन को बिना कारण इसमें घसीटा गया। मणिपुर में अशांति और अस्थिरता से विदेशी सत्ताओं को फायदा हो सकता है। देश में मजबूत सरकार के होते हुए भी यह हिंसा किनके बलबूते इतने दिनों से चल रही है? इससे साफ है कि यह हो नहीं रहा है, करवाया जा रहा है।


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