- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
क्या कम मात्रा में ड्रग्स रखना नहीं होगा अपराध? संसद में बिल ला सकती है सरकार, ये है वजह
केंद्र सरकार ने संसद से शीत सत्र नारकोटिक्स ड्रग्स बिल, 2021 लाने का फैसला लिया है। इसके तहत यह प्रावधान जाएगा कि कम मात्रा में गांजा, भांग सहित नशीले पदार्थ पाए जाने को अपराध नहीं माना जाएगा।
हिंदुस्तान की खबर के अनुसार, सरकार की राय है कि इस कानून से नशे की लत में गए लोगों को सुधरने का अवसर मिल सकेगा। बता दें कि हाल ही में ड्रग्स मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान सहित कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद यह मांग उठी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले में सिफारिशें 10 नवंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय में एक उच्च-स्तरीय बैठक में तय की गई थीं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस बिल में किसी व्यक्ति के ड्रग्स रखने, निजी तौर पर उपभोग करने और बेचने में अंतर किया जाएगा। इसमें बेचने को तो अपराध माना जाएगा, मगर बेहद कम मात्रा में रखने और निजी उपभोग को अपराध के दायरे से बाहर किया जाएगा।
नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज़ (एनडीपीएस) बिल, 2021 के अंतर्गत मादक पदार्थों के निजी उपभोग को अपराध के दायरे से बाहर रखा जाएगा। इसके लिए 1985 के कानून की धाराओं 15,17,18, 20, 21 और 22 में संशोधन किए जाएंगे, जिनका संबंध ड्रग्स की ख़रीद, उपभोग, और फाइनेंसिंग से है। आर्यन खान केस में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले सहित कई हस्तियों ने कानून में फेरबदल की मांग की थी और कहा था कि लोगों को सुधरने का मौका मिलना ही चाहिए।