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जानिए आपको ही ज्यादा क्यों काटते हैं मच्छर!

आपने कभी ये गौर किया होगा की लोगों से भरे हुए कमरे में कभी-कभी ऐसा होता है कि मच्छर कुछ लोगो को ही अपना निशाना बनाते हैं। आखिर ऐसा क्या है जो मच्छरों को ये लोग काटने का न्यौता देता है।
इसके पीछे वैज्ञानिकों के अलग-अलग मत हैं।
कई शोध में यह साबित हो चुका है कि मच्छर हमारे रक्त से प्रोटीन लेते हैं। एक शोध के अनुसार, O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को A ब्लड ग्रुप की अपेक्षा दोगुना मच्छर काटते हैं। वहीं B ब्लड ग्रुप वाले लोगों को सामान्य रूप से मच्छर काटते हैं।
मच्छर कार्बन डाइऑक्साइड की महक से भी तेजी से आकर्षित होते हैं। ऐसे में जो लोग बहुत गैस छोड़ते हैं उन्हें मच्छर अधिक काटते हैं। यही वजह है कि बच्चों को मच्छर बड़ों की अपेक्षा कम काटते हैं। जिन लोगों को अधिक पसीना आता है, वे भी मच्छरों का ज्यादा शिकार होते हैं। पसीने में लैक्टिक एसिड, यूरिक एसिड, अमोनिया जैसे तत्व होते हैं जिनके प्रति मच्छर जल्दी आकर्षित होते हैं।
त्वचा पर विशेष प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं जो मच्छरों को आकर्षित करते हैं और कुछ बैक्टीरिया ऐसे भी होते हैं जो मच्छरों त्वचा से दूर रखने में मदद करते हैं। बीयर पीने से भी मच्छर तेजी से आकर्षित होते हैं। बीयर से पसीने में इथेनॉल बढ़ता है जो मच्छरों को आकर्षित करता है।
कई शोधों में यह प्रमाणित हो चुका है कि गर्भवती महिलाओं को मच्छर अधिक काटते हैं। इसके पीछे वजह हैं, गर्भावस्था के दौरान महिलाएं सांस छोड़ते वक्त 21 प्रतिशत अधिक कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ती हैं। गर्भावस्था के दौरान उनका शारीरिक तापमान थोड़ा अधिक होता है जिससे मच्छर तेजी से आकर्षित होते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के शोध की मानें तो मच्छर महक के साथ-साथ देखने की भी क्षमता रखते हैं। लाल, नीले और काले जैसे रंगों को मच्छर आसानी से पहचान लेते हैं इसलिए इन रंगों के कपड़ों के प्रति तेजी से आकर्षित होते हैं।
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