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एक घंटे 38 मिनट में तय होगी दिल्ली से लखनऊ की दूरी तो वाराणसी के लिए लगेगा इतना कम समय!

Special Coverage News
15 July 2017 12:04 PM IST
एक घंटे 38 मिनट में तय होगी दिल्ली से लखनऊ की दूरी तो वाराणसी के लिए लगेगा इतना कम समय!
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स्पेन की फर्म एमएस इनेको-टिप्सा-आईसीटी इस प्रॉजेक्ट के लिए अपनी स्टडी कर रही है। गुरुवार को फर्म ने हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन और रेलवे बोर्ड को अपनी रिपोर्ट भी सौंपी है...
नई दिल्ली : दिल्ली से लखनऊ सफर करने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। 490 किलोमीटर की दूरी बुलेट ट्रेन के जरिए सिर्फ 1 घंटे 38 मिनट में ही पूरी की जा सकती है। फिलहाल इस सफर को तय करने में लगभग 8 घंटे लगते हैं।

स्पेन की फर्म एमएस इनेको-टिप्सा-आईसीटी इस प्रॉजेक्ट के लिए अपनी स्टडी कर रही है। गुरुवार को फर्म ने हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन और रेलवे बोर्ड को अपनी रिपोर्ट भी सौंपी है। बता दें कि यह प्रॉजेक्ट दिल्ली-कोलकाता हाई स्पीड कॉरिडोर का हिस्सा है।

रिपोर्ट के अनुसार, 'इस ट्रेन का किराया सामान्य से काफी अधिक होगा और दिल्ली से लखनऊ का किराया 1,980 रुपए तक हो सकता है।' यह प्रॉजेक्ट तीन स्तरों पर तीसरा सर्वाधिक रफ्तार वाला प्रॉजेक्ट होगा। मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर के लिए कंस्ट्रक्शन सितंबर में इस साल शुरू होगा।

मुंबई-नागपुर प्रॉजेक्ट भी अपने अडवांस स्तर पर है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-लखनऊ बुलेट ट्रेन योजना 2021 तक पूरी हो सकती है।

3 घंटे से भी कम समय में होगा दिल्ली से वाराणसी का सफर?
वहीं, दिल्ली से वाराणसी सफर करने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से दिल्ली के लिए बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट को काफी गंभीरता से ले रही है। 720 किलोमीटर की दूरी बुलेट ट्रेन के जरिए सिर्फ 2 घंटे 37 मिनट में ही पूरी की जा सकती है। फिलहाल इस सफर को तय करने में लगभग 12 घंटे लगते हैं।

दिल्ली से वाराणसी तक किराया 3,240 रुपए हो सकता है। यह प्रॉजेक्ट तीन स्तरों पर तीसरा सर्वाधिक रफ्तार वाला प्रॉजेक्ट होगा। मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर के लिए कंस्ट्रक्शन सितंबर में इस साल शुरू होगा। मुंबई-नागपुर प्रॉजेक्ट भी अपने अडवांस स्तर पर है।

दिल्ली-वाराणसी प्रॉजेक्ट को पूरा होने के लिए 2031 तक इंतजार करना पड़ सकता है। दिल्ली-वाराणसी बुलेट रूट में ग्रेटर नोएडा, अलीगढ़, लखनऊ, सुल्तानपुर और जौनपुर शामिल है। पहले जौनपुर इस प्लान में शामिल नहीं था, लेकिन स्थानीय सांसद कृष्णा प्रताप के दबाव के बाद इसे भी शामिल किया गया।

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