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हमारे देश में यूपीए दो की सरकार के समय जब जब सीमा पर पाकिस्तानी आतंकियों की बन्दूको की गोलियां निकलती थी। तब तब देश में भाजपा नेताओं के मुंह गरजने लगते थे। भाजपा नेताओ के मुंह से गरजने वाली बोफ़ोर्स तोप में उस समय गुजरात राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रमुख थे। यूपीए सरकार की कश्मीर राज्य की नीतियों के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा की तब भाजपा की प्रख्यात गरजने वाली गुजराती तोप नरेन्द्र मोदी द्वारा अपनी गरजना से सदैव इनकी आलोचना करते रहते थे। नरेन्द्र मोदी की गरजनाओ में हमेशा मिया मुशर्रफ, सोनिया गांधी, यूपीऐ के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह निशाने पर रहते थे।
देश मे लोक सभा चुनाव जीतकर नरेन्द्र मोदी अब देश के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान हो गए हैं। लोक सभा चुनावों से लेकर आज तक हमारे प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के रक्षामंत्री सिर्फ चुनावी भाषणों की भाँती गरजते है। इनकी गरजना में 56 इंच का सीना जो सदैव पकिस्तान व पाक समर्थक आतंकियों के लिए तना रहता था अब देश और दुनिया देख रही है कि शायद 56 इंच के मर्द के सीने में पहले वाली बात नही है। सीमा पर हमारे बहादुर जवानो के पाक की सेना के नापाक जवान सर काटकर ले जा रहे है। जम्मू कश्मीर राज्य के नोजवानो का आदर्श बने सेना के लेफ्टिनेंट कमांडर उमर फैयाज़ के छूटी पर घर आते ही आतंकवादियों ने उनका अपहरण करके उन्हें शहीद कर दिया। आज कश्मीर सुलग रहा है कश्मीर के आम आदमी का विश्वास दिल्ली सरकार के साथ कश्मीर की सरकार से उठ गया है, ऐसा नही है हमारे प्रधानमन्त्री और उनकी सरकार के मंत्री इन सब घटनाओं से अनजान बने हो?
हमारी केंद्र के सरकार के सभी छोटे बड़े मंत्री अपनी गरजने वाली तोप से शिक्षा ग्रहण करके हर बार आतंकी हमले के बाद पूर्ण वेग से गरजते हैं। आतंकियों को उनके किये की सजा मिलेगी, देश के सेनिको की कुर्बानी बेकार नही जाएगी, चुन-चुन कर गिन गिन कर बदला लिया जाएगा। देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह कहते है कि यदि सीमा पार से भारत पर गोलियां चलाई जाएंगी तो फिर भारतीय फोज बिना गिनती से गोलिया चलाएंगी। ये जुमले देश की जनता को बहलाने के साथ देश की सेना के शहीद परिवारों के आक्रोश को कुछ कम करने की तत्काल दवा तो है पर शायद आतंकी समस्या का स्थाई समाधान नही है। अब देश की जनता को भी लगने लगा है कि हमारे प्रधानमंत्री व उनकी सरकार के मंत्रीगण देश विदेश में सिर्फ बाहरी गरजना करके सुर्खिया बटोरने वाले हैं। इनके शासन में किसी भी समस्या का समाधान करने की नीतियाँ और नीयत दोनों ही का आभाव है।
हमारा देश बाहरी खतरों से घिरा हुआ है मोदी सरकार की नीतियां देश को गहरे रूप से आंतरिक खतरों की और धकेल रही है। हमारा देश तेजी से वर्ग संघर्ष की और बढ़ रहा है। देश की चुनोतीपूर्ण परिस्थितियों के समाधान के लिए केंद्र की सरकार में एक पूर्णकालीन रक्षा मंत्री तक नही है। केंद्र सरकार की नीतियों से लगता है कि वह पाकिस्तानी आतंक, नक्सलाईट समस्या व कश्मीर समस्या के समाधान के लिए गंभीर रूप से प्रयासरत नही है। यह बात जरुर है कि हमारे प्रधानमंत्री ने देश के मीडिया का उपयोग अपने पक्ष में बड़ी चालाकी से करने के सारे उपाय कर रखे है। देश का बिकाऊ मीडिया समय समय पर भाजपा की केंद्र सरकार की नाक कटने से पहले बेशर्मी से अपनी खबरों में पाकिस्तान व उसके समर्थक आतंकियों का नामोनिशान मिटाने में लग जाता है।
भाजपा की केंद्र सरकार के समर्थन में खड़ा देश का भांड बिकाऊ मीडिया देश की सेना को लेकर भी भ्रामक खबरे चलाने से बाज नही आता है। हाल ही में देश के छत्तीसगढ़ राज्य के सुकमा जिले में नक्सलवादियों ने घात लगाकर CRPF के 25 जवानो को मार डाला। देश की समस्याओं के समाधान से ज्यादा रुचि मोदी सरकार की देश में एनकेन प्रकरण चुनाव जीतने में है। इसके लिए भाजपा के सभी नेता देश में साम्प्रदायिक, जातीय, धार्मिक हिंसा फैलाने में लगे हैं। प्रधानमंत्री के द्वारा कहा गया अच्छे दिन आएंगे का वादा चुनावी जुमला बनकर रह गया है। देश के माथे का मुकुट कश्मीर आज धधक रहा है। सीमा पर पाकिस्तानी फोजी हमारे जवानों के सर काट रहे है।
नक्सली हिंसा से देश वासियों में खोफ व्याप्त हो रहा है। कश्मीर में पीड़ीपी संग भाजपा सत्ता का आनंद उठा रही है। देश में हर कही हिन्दू सेना, योगी वाहिनी के के लोग भाजपा की राज्य सरकारों द्वारा प्रायोजित हत्याऐ करके राज्य संरक्षण के बल पर बचाए जा रहे है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, छतीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश राज्यों में हर कही कानून के शासन की अवधारणा पर संघ के पाले पोसे भाजपाई गुंडों की भीड़ हिंसा का नंगा नाच करके सवाल खड़े कर रही है। नजीब, अखलाख, पहलु खां, मजीद, रोहित वेमुला जैसे अभागे दलित, मुस्लिम, बेगुनाह दंगाइयों की भीड़ द्वारा मारे जा रहे है या फिर अकाल मौत मरने के लिए विवश किये गये है।लगता है देश में इस समय देशी-विदेशी, स्वदेशी आतंकियों के अच्छे दिन आ गये हैं।
देश की अदालतों में आज देश को बचाने का जज्बा रखने वाले न्यायाधीशो का अकाल सा हो गया है। मोदी सरकार के नफरत के एजेंडे का प्रभाव अदालतों के निर्णयों पर साफ़ नजर आ रहा है। देश में धडाधड संघ की विचारधारा के आतंकियों को अब जमानते मिल रही है तो कही रातोरात संघ के आतंकी पुरुषो को देश की जांच एजेंसीयान क्लीनचिट देकर बरी कर रही है। देश की अदालतों के द्वारा हाल ही में हुए दो फेसलो में स्पष्ट रूप से असमानता झलकती है। निर्भया केस में सभी आरोपियों को देश की सर्वोच्च अदालत फांसी की सजा देती है दूसरी और गुजरात दंगो में सामूहिक बलात्कार की शिकार बनी और अपने प्रियजनों की ह्त्या अपनी आँखों के सामने होती देखने वाली बिलकिस बानो के केस में आरोपियों को उम्र केद की सजा दी जाती है। 14 लोगों की हत्या और सामूहिक बलात्कार करने वाले खूनीदरिंदो को सजा देते समय न्यायालय का धर्म देखकर फेसला करना जैसा बिलकिस बानो केस में स्पष्ट रूप से प्रतीत हो रहा है।
भाजपा के शासन वाले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में राज्य साम्प्रदायिक हिंसा के साथ जातीय हिंसा की लपटों में सुलगता दिख रहा है। भाजपा की मनुवादी सरकारों में दलित उत्पीडन के मामले अब जातीय हिंसा का रूप लेते दिख रहे है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में दबंग राजपूतो ने दलितों की बस्ती में घुसकर हथियारों के बल पर उनके घरो को आगजनी का शिकार बना डाला। राज्य की योगी की सरकार की पुलिस के भेदभाव पूर्ण कार्यवाही के कारण हालात तनावपूर्ण बने हुए है। इसी प्रकार मेरठ जिले में संगीत सोम की विधान सभा क्षेत्र में दलित राजपूतो में तनाव के हालात बने हुए है। देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में नागालेंड, मिजोरम में पडोसी देशो की शह पर शांत पड़े उग्रवादी समूह पुन: संगठित होकर आतंक मचाने की कोशिशो में लग रहे है।
भाजपा के शासन वाले राजस्थान राज्य के सीकर जिले के नीम का थाना तहसील में दबंग राजपूतो ने दलितों के घरो में घुसकर दो बच्चियों से जबरन बलात्कार कर डाला। बलात्कार की ग्लानी से दु:खी होकर फिर इन दोनों दलित बच्चियों ने ट्रेन की पटरी पर जाकर ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। भाजपा की सरकार जब से दिल्ली उत्तर प्रदेश में बनी है तब से ही देश में आतंकी हमले बढ़ गये है। हिन्दू-मुस्लिमों की धार्मिक हिंसा की आग भाजपा के लिए चुनावी फायदे का सौदा है, इसलिए इस आग को भाजपा समर्पित भगवा आतंकी गोरक्षक, बजरंगदल वी.एच.पी. के सदस्य ही भड़काते हैं।
अब देश में जातीय हिंसा के रूप में स्वर्ण, दलित, यादवी संघर्ष का घमासान मचने जा रहा है। भाजपा सरकारों के नेताओ को समाज में भड़की आग की चिंता नही है। जीनके अपने हाथ हजारों बेगुनाहो के खून से रंगे हो उन्हें एक-दो दर्जन आदमियों के मरने से कोई फर्क नही पड़ता है। यही कारण है कि जब पंजाब के सैनिक परमजीत के कटे हुए सिर के अभाव में जब उसके शरीर की अंत्येष्ठी की जा रही थी तब देश के प्रधानमंत्री एक कलियुगी संत व्यापारी बाबा रामदेव के नए संयत्र का उदघाटन कर रहे थे।
देश के प्रधानमंत्री का चुनावो में लगाया नारा सबका साथ सबका विकास अब जातीय धार्मिक हिंसा का रूप लेकर विनाश में बदल रहा है। देश में इस समय भाजपा की सरकारों के द्वारा अपने समर्थक आतंकियों को जमकर बढ़ावा दिया जा रहा है। पाकिस्तानी आतंकी भी हमारे सैनिको के साथ हमारे देशवासियों का ही बेगुनाह खून बहाने का काम करते है तो भाजपा संघ के मानुवादी स्वदेशी गुण्डे भी हमारे ही देश के बेगुनाह देशवासियों को मारकर ही हमारे देश की सम्पत्ति नष्ट करते है। दोनों में फर्क सिर्फ इतना है कि बाहरी आतंकी पाकिस्तानी हथियारों से भारतीय सेना के जवानो को साथ देशवासियों को मारते है तो संघ भाजपा के भगवा गुण्डे स्वदेशी राष्ट्रवादी हथियारों से ही भारतीयों का खून बहाते है। आज भारत देश में रहने वाले शान्तिप्रिय देशवासियों में देश को लेकर एक बहस छिड़ी हुई है कि देशभक्ति का पाखण्ड करने वाले भाजपाइयों के शासन में देश किस और जा रहा है ? अब यह कहावत जब रोम जल रहा था तब रोमियों बंसी बजा रहा था शायद हमारे देश में भी कुछ इसी प्रकार सुनाई देगी की जब देश जल रहा था तब फर्जी डिग्रीधारी देश का प्रधानमन्त्री चेन से सो रहा था। इस से पूर्व भी जब गुजरात राज्य दंगो में जल रहा था तब भी हमारे 56 इंच के महामानव देशभक्त दंगो की जलती आग में राजनीती की रोटियाँ सेक चुके हैं?
मो. हफीज, व्यूरो चीफ, राजस्थान
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