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'मुगल-ए-आजम: द म्यूजिकल' के जरिए दिल्ली में साकार होगी सलीम व अनारकली की सदाबहार प्रेमकथा
यह प्ले इस कथा को एक बार फिर से नए श्रोताओं के समक्ष जीवंत करने का वायदा करता है। इसी शो के सिलसिले में प्रख्यात फैशन डिजायनर मनीष मल्होत्रा, जिन्होंने अपने ढाई दशक के करियर में पहली बार किसी प्ले के लिए काॅस्ट्यूम डिजाइन किया है, प्ले के डायरेक्टर फिरोज अब्बास खान, प्रख्यात कोरियोग्राफर मयूरी उपाध्याय के अलावा शपूरजी पलोंजी ग्रुप के दीपेश सलगिया एवं एनसीपीए के कार्यकारी निदेशक दीपक बजाज पिछले दिनों दिल्ली के इंडिया हैबिबेट सेंटर में मीडिया से मुखातिब हुए और इस म्यूजिकल प्ले के बारे में मीडिया से अपने अनुभव एवं विचार साझा किए।
डायरेक्टर फिरोज अब्बास खान ने कहा कि मुगल-ए-आजम के बड़े सेट हैं, इसमें 175 सदस्यों का एक क्रू है और इसके लिए हाइटेक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ भारी संख्या में प्रोजेक्शनों की जरूरत पड़ती है। प्रोड्यूसर शपूरजी पलोंजी और नेशनल सेंटर फॉर परफार्र्मिंग आट्र्स (एन.सी.पी.ए) ने ज्वाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम के इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत बड़ा निवेश किया है। दिल्ली में बहुत सारे श्रोता मुगल-ए-आजम की महिमा का आनंद लेंगे।
दीपेश सलगिया ने कहा कि 1950 में जब, फिल्म का शपूरजी पलोंजी द्वारा निर्माण किया गया था, उनका उद्देश्य एक और फिल्म बनाना नहीं था, बल्कि सिनेमा प्रोडक्शन में एक नया बेंचमार्क स्थापित करना था, जहां कला का प्रदर्शन बजट तक सीमित नहीं था, बल्कि यह सिर्फ श्रोता-दर्शकों की कल्पना थी। यह स्टेज प्रोडक्शन उसी विरासत को आगे बढ़ा रहा है। यह सिर्फ बिजनेस नहीं है। यह भावनाओं को स्पर्श करने समान है।