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नीबू के औषधीय गुण – प्रो. (डॉ.) योगेन्द्र यादव
भारत के अधिकांश क्षेत्रों में वर्ष के आठ महीने से अधिक गर्मी पड़ती है.इस गर्मी से निजात दिलाने के लिए प्रकृति ने हमें नीबू नामक नायाब तोहफा दिया है, जिसके रस के सेवन से एक ओर जहाँ शरीर में अनुकूलन क्षमता का विकास होता है, वहीँ दूसरी ओर विटामिन सी की कमी भी दूर होती है. यदि हम आयुर्वेद की दृष्टि से इसका सेवन करे, तो अनेक रोग भी दूर कर हो सकते हैं. कुछ रोगों को अकेले दूर करने की इसमें सामर्थ्य है और कुछ रोगों को अन्य प्राकृतिक देव्यों के साथ मिला कर उपयोग करने से निश्चित लाभ होता है.
1. आँख के रोग में लाभदायक – शरीर का यह एक ऐसा अंग है, जिसके अभाव में प्रकाश एवं अंधकार का अंतर नही किया जा सकता. किसी भी भौतिक वस्तु का दीदार नही किया जा सकता. इसलिए इसकी ओर से किसी भी प्रकार की लापरवाही ठीक नही है. यदि किसी व्यक्ति के आँख में मोतियाबिंद हो गया हो, तो ऐसे रोगी को 1:4 के अनुपात में नीबू और गुलाब जल मिलाकर नियमित रूप से सुबह-शाम उपयोग करना चाहिए. आँख आने पर भी इसी अनुपात में नीबू और गुलाब जल का उपयोग किया जा सकता है. मोतियाबिंद पूरी तरह से ठीक करने के लिए 9:1:1 के अनुपात में छोटी मधुमक्खी का शहद, अदरक एवं नीबू का रस मिला कर नियमित रूप से आँख में डालने से मोतियाबिंद ठीक हो जाता है. नियमित रूप से एक गिलास पानी में एक नीबू निचोड़ कर पीने से आँख की ज्योति आजीवन बनी रहती है. आंख के सामान्य रोगों में एक चम्मच पानी में एक बूँद नीबू डाल कर सुबह शाम डालने से रोग दूर हो जाते हैं.
2. कान के रोग में लाभदायक – कान के रोगों में भी नीबू बहुत ही फायदेमंद है. जिन व्यक्तियों को कान के रोग हों, वे 240 ग्राम नीबू के रस को 60 ग्राम सरसों या तिल के तेल में मिला कर उबाल लें. पकते-पकते जब उसमें से चट-चट की आवाज बंद हो जाए, तब उसे उतार लें, ठंडा करके एक शीशी में भर लें. फिर कान के किसी भी रोग में 2-2 बूँद डालें. इससे कान दर्द में आराम मिलने के साथ-साथ कान के पीव बंद हो जाता है, उसकी खुजली मिट जाती है, बहरेपन की स्थिति नही आती है. यानी यदि कम सुनाई दे रहा हो, तो भी फायदा होता है. यदि किसी रोगी का कान बह रहा हो, तो इस दवा को देने के साथ-साथ उसे सुबह-सुबह खाली पेट नीबू-पानी का भी सेवन करना चाहिए.
3. खांसी रोग में लाभदायक – खांसी रोग में भी नीबू काफी फायदेमंद होता है. जिन व्यक्तियों को खांसी आ रही हो, साथ में दमा की भी बीमारी हो, उसे 3 ग्राम नीबू के रस में 12ग्राम शहद मिला कर चाटने से भयंकर से भयंकर खांसी मिट जाती है. यदि खांसी के साथ खून निकल रहा हो तो चौलाई के एक कप रस में एक चम्मच नीबू का रस मिलाकर रात के समय पीने से खून आना बंद हो जाता है. यदि सर्दी लग जाने से खांसी आ रही हो, तो रोज रात को आधा लीटर पानी में दो बड़े नीबू का रस मिला कर उसे शहद के साथ पीने से खांसी तुरंत ठीक हो जाती है. यदि रोगी को बुखार भी हो तो उसे पुदीने के पत्ते के साथ 4-5 काली मिर्च डाल कर चाय की तरह पानी में उबाल लें, ठंडा होने पर उसमे सेंध नमक और नीबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है.
4. चर्म रोगों में लाभदायक – नीबू चर्म रोगों में भी बहुत लाभदायक है. जिन रोगियों को खुजली होती हो, उन्हें नीबू को दो भागों में काट कर उसमें सेंधा नमक भर देना चाहिए. उसे छाया में सुखाने के बाद उसका चूर्ण बना लें, इस चूर्ण को खुजली वाले स्थान पर लगावें, इससे खुजली मिट जाती है. यदि पूरे शरीर में खुजली हो रही हो, तो गर्म पानी में नीबू निचोड़ कर नहाने से भी खुजली मिट जाती है. नीबू में फिटकरी भर कर थोड़ी देर बाद रखने के बाद लगाने से भी खुजली मिट जाती है. यदि खुजली से तुरंत राहत चाहते हों, तो कपूर को चमेली के तेल में मिला लें, उसमे नीबू की कुछ बूँदें निचोड़ कर लगाने से खुजली में तुरंत आराम मिलता है. मुल्तानी मिटटी में नीबू मिलाकर चर्म रोग की जगह लगाने से चर्म रोग भी दूर हो जाता है, और त्वचा भी नर्म और मुलायम बनी रहती है. जिनको घमौरिया हो गयी हों, वे नीबू पानी से उसे धो लें, लाभ मिलेगा. जिन रोगियों को दाद हो गयी हो, वे नीला थोथा एवं फिटकरी को भून कर पीस लें और उसमे नीबू मिला कर दाद पर लगायें, पुराना से पुराना दाद भी मिट जाएगा. दाद और खाज के रोगी उबले हुए नीबू के रस में शहद और अजवाइन के साथ सुबह-शाम सेवन करने से भी आराम मिलता है.
5. गैस रोगियों के लिये लाभदायक – नीबू गैस रोगियों को बहुत लाभ पहुंचाता है. यदि किसी को गैस के कारण पेट दर्द हो रहा हो, तो उसे एक कप पानी में चौथाई कप पुदीने का रस और उसमें आधा नीबू निचोड़ कर देने से गैस के कारण हो रहे पेट दर्द में तुरंत आराम मिल जाता है. जिन रोगियों को गैस बनती है, वे एक चम्मच नीबू के रस में एक-एक चम्मच शहद और अदरक का रस मिलकर दिन में तीन बार चाटने से गैस बनने की प्रक्रिया बंद हो जाती है. पेट गैस की वजह से अगर सर चकराने लगे तो ऐसी अवस्था में एक प्याले गर्म पानी में एक नीबू निचोड़ कर आठ दिन पीयें. सर चकराना, खट्टी डकार आने में लाभ मिलेगा. यदि गैस तुरंत राहत चाहतें हों, तो एक नीबू के रस में एक चम्मच खाने का सोडा को एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से तुरंत गैस में राहत मिल जाती है.
6. मूत्र रोगों में लाभदायक – जिन रोगियों को मूत्र विकार हो, उनके लिए नीबू रामबाण औषधि है. कद्दू के एक गिलास रस में एक नीबू और एक चुटकी नमक मिलाकर पीने से पेशाब जलन में राहत मिलती है और पेशाब भी खुल कर होती है. जिन्हें वात रोग हो, उन्हें एक गिलास गर्म पानी में एक नीबू और एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर पीने से पेशाब का विष निकल जाता है. इस मिश्रण के सेवन से सौन्दर्य भी बढ़ता है. ककड़ी के रस में नीबू का रस मिलाकर और उसमें थोड़ा सा जीरा डाल कर पीने से जलन में राहत मिलती है. जिन रोगियों को पेशाब में जलन रोग के रूप में विकसित हो गया हो, उन्हें आवले के उबले पानी में नीबू रस और सिरका मिला कर एक बोतल में बंद करके रख दें. सुबह-शाम इसका सेवन करें. कुछ दिनों में ही जलन का रोग समाप्त हो जायेगा.
7. स्त्री रोगों में लाभदायक – स्त्री रोगों में भी नीबू बहुत राहत प्रदान करता है. यदि रति क्रिया के दौरान स्तन में घाव हो जाए, तो नीबू और प्याज को इतना आग में भून लें कि जल जाए, फिर उसे नीम की पत्तियों की राख में अच्छी तरह मिला लें. फिर पानी में डाल कर घोल बना लें, इस घोल को स्तन के घाव पर लगाने से घाव बहुत ही जल्दी ठीक हो जाता है. यदि ज्यादा मसलने के कारण स्तन में दर्द हो जाये, तो नीबू के रस को शहद में मिलाकर स्तन पर मल दें. खाने के लिए दस ग्राम काली मिर्च, पांच ग्राम हल्दी और दो ग्राम दालचीनी पीस कर तीन खुराक बना लें, बीस ग्राम शहद में इसे घोल लें. हर तीन घंटे में इसका सेवन करते रहें. स्तन दर्द से तुरंत राहत महसूस होगी. जिन रोगियों को स्त्री संग के बाद कमजोरी महसूस होती हो, उन्हें एक गिलास पानी में नीबू रस निचोड़ कर रति क्रिया करनी चाहिए. रति क्रिया के बाद भी एक गिलास पानी में नीबू मिला कर पीने से पहले जैसी ताजगी बनी रहती है. गर्भावस्था में उल्टी आने पर बर्फ के पानी में नीबू मिलाकर पीने से आराम मिलता है. जिन औरतों को हिस्टीरिया की बीमारी हो, उन्हें गर्म पानी में नीबू का रस, नमक, जीरा, भुनी हुई हींग, पुदीना मिला कर एक महीने सुबह-शाम पीने से आराम मिलता है.
इसके आलावा नीबू के बहुत से सामान्य उपयोग घरो में किये जाते हैं. जैसे नीबू के द्वारा त्वचा पर दाग-धब्बे मिटाए जाते हैं.इसे लगाने और प्रयोग करने से शरीर सौदर्य में वृद्धि होती है. जिनके चेहरे पर कील – मुहासे निकलते हैं, उन्हें लाभ पहुंचता है. जिनके चेहरे पर झुर्रियां – झाई आने लगी हो, उन्हें भी लाभ मिलता है. इसी प्रकार के अनेक समस्यायों से नीबू हमें निज़ात दिलाता है. इसलिए हर व्यक्ति को किसी न किसी प्रकार से अपने भोजन में नीबू का उपयोग करना चाहिए.
प्रो. (डॉ.) योगेन्द्र यादव
विश्लेषक, भाषाविद, वरिष्ठ गाँधीवादी-समाजवादी चिंतक, पत्रकार व्
इंटरनेशनल को-ऑर्डिनेटर – महात्मा गाँधी पीस एंड रिसर्च सेंटर घाना, दक्षिण अफ्रीका