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विजय माल्या अवमानना के दोषी करार, 10 जुलाई को पेश होने का आदेश
Arun Mishra
9 May 2017 7:18 AM GMT
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नई दिल्ली : बिजनेसमैन विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अदालत की अवमानना के दोषी हैं। कोर्ट ने 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है, ताकि सजा की अवधि पर बहस की जा सके। कोर्ट ने उन्हें इस मामले में समन भी जारी किया है। फिलहाल माल्या लंदन में हैं।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि माल्या को देश लाने की कोशिश हो रही है। बैंक असोसिएशन का कहना है कि 40 मीलियन यूएस डॉलर जो डिएगो डील से मिले हैं उन्हें सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा कराए जाएं। साथ ही कहा कि माल्या की अर्जी पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए क्योंकि माल्या बार-बार कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं। माल्या ने कहा कि उनकी संपत्तियां बैंक जब्त कर चुके हैं और ऐसे में 9200 करोड़ रुपये वह नहीं चुका पाएंगे। बैंक चाहें तो जो 2000 करोड़ की जब्त की हुई संपत्ति बेच सकते हैं।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के सामने उनके द्वारा प्रॉपर्टी के खुलासे से संबंधित कई सवाल किए। बैंकों के समूह का कहना था कि माल्या ने 40 मिलियन यूएस डॉलर अपने बच्चों के अकाउंट में ट्रांसफर किए, इस पर कोर्ट ने माल्या से पूछा कि क्या ये सही है। हालांकि बैंकों की ओर से पेश अटार्नी जनरल ने कहा कि माल्या ने पैसे ट्रांसफर किए हैं, लेकिन कोर्ट को इस बात का जानकारी नहीं दी है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में बैंकों की ओर से मांग की गई थी कि माल्या को निर्देश दिया जाए कि वह डियेगो डील से मिले 40 मिलियन यूएस डॉलर हफ्ते भर के भीतर इंडिया में लाएं, अगर पैसा भारत नहीं आता तो उन्हें कोर्ट में पेश होने के लिए कहा जाए। मामले की सुनवाई के दौरान एसबीआई ने कोर्ट को बताया कि माल्या के उपर 9200 करोड़ बकाया है।
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