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SC ने राहुल गांधी को दी नसीहत, माफी मांगें या ट्रायल का सामना करें

SC ने राहुल गांधी को दी नसीहत, माफी मांगें या ट्रायल का सामना करें
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नई दिल्ली : महात्मा गांधी की हत्या के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार बताने संबंधी बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी को आरएसएस की सामूहिक निंदा नहीं करनी चाहिए थी। कोर्ट ने कहा कि 'नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को मारा' और 'आरएसएस के लोगों ने महात्मा गांधी को मारा', इन दोनों बातों में बहुत फर्क है।

ये बातें सुप्रीम कोर्ट ने आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। कोर्ट ने उन्‍हें चेतावनी देते हुए कहा कि या तो खेद जताइए या फिर मुकदमे का सामना कीजिए। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन की पीठ ने कहा, ''हमारा यह मानना है कि यह ऐतिहासिक रुप से सही हो सकता है लेकिन तथ्य या बयान लोगों की भलाई के लिए होना चाहिए।

आप सार्वजनिक रुप से निंदा नहीं कर सकते। पीठ ने कहा कि, स्वतंत्रता को दबाया या कुचला नहीं गया है। मानहानिपूर्ण बयान पर अंकुश लगाया गया है। लेखक, नेता, आलोचक या विपक्षी क्या कहते हैं, आप में उसे सहन करने की महान क्षमता होनी चाहिए। पीठ ने राहुल के भाषण पर सवाल उठाए और आश्चर्य जताया कि, उन्होंने गलत ऐतिहासिक तथ्य का उद्धरण देकर भाषण क्यों दिया।

कोर्ट ने कहा कि उन्होंने अपने विवेक से काम लिया है और राहुल गांधी को मामले में मुकदमे का सामना करना होगा। राहुल ने यह बयान 6 मार्च 2014 को मुंबई के भिवंडी के सोनाले इलाके में एक रैली में दिया था। उन्होंने कहा था आरएसएस के लोगों ने महात्मा गांधी को मारा था। इस बयान के बाद आरएसएस की एक शाखा के सेक्रेटरी राजेश कुंटे ने राहुल के खिलाफ भिवंडी के लोकल कोर्ट में क्रिमिनल केस दर्ज करवाया था।
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