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SC ने गर्भपात कानून को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को भेजा नोटिस

नई दिल्ली: देश में गर्भपात कानून को चुनौती देती एक महिला की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया था। जिस पर सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार को नाटिस भेजा है। और दोनों सरकारों को इस नोटिस का जवाब शु्क्रवार तक देने के लिए कहा है।
दरअशल में, 24 हफ्ते की एक गर्भवती महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गर्भपात कानून को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता महिला ने गर्भपात कराने की मांग की है। क्योंकि उसके बच्चे की स्थिति ठीक न होने के कारण मां को दिक्कतें आ सकती हैं। महिला का कहना है कि डॉक्टरों के मुताबिक उसके गर्भ में पल रहा भ्रूण सामान्य नहीं है और उसके मानसिक विकारों के साथ जन्म लेने की आशंका है। लेकिन वर्तमान कानून गर्भपात की अनुमति नहीं देता।
अब तक के कानून के मुताबिक, देश में गर्भपात कानून के तहत 20 हफ्ते तक के ही गर्भपात की इजाजत है। जिसके चलते गर्भवती महिला को अपना गर्भपात कराने की इजाजत नहीं है। कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली महिला की याचिका पर कोर्ट सुनवाई के लिए राजी हो गया था और इसके लिए गुरुवार का दिन तय किया गया था। महिला ने अपनी याचिका में कहा है कि वह बेहद ही गरीब परिवार से है उसके मंगेतर ने शादी का झांसा देकर उसके साथ बलात्कार किया और उसे धोखा देकर दूसरी लड़की से शादी कर ली, जिसके बाद उसने मंगेतर के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज किया है। महिला को जब पता चला वह प्रेग्नेंट है तो उसने कई मेडिकल टेस्ट कराए, जिससे पता चला कि अगर वह गर्भपात नहीं कराती तो उसकी जान जा सकती है।
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