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राष्ट्रीय
आडवानी जी का मजाक उडाना पड़ेगा सबको महंगा, जानलो कैसे पड़ी नींव!
शिव कुमार मिश्र
19 Jun 2017 3:56 PM GMT
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Advaniji will have to make fun of everyone, expensive, know how laid foundation!
मिथिलेश त्रिपाठी
पिछले दो तीन सालो से सोशल मीडिया पर देख रहा हू कि आडवानी जी का बहुत मजाक उडाया जाता है। और दुख की बात ये है कि भाजपा और संघ के कथित कट्टर समर्थक ही उनका मजाक उडाने मे सबसे आगे होते है।
हम क्यो भूल जाते है कि आज भाजपा जिस जमीन पर शान से खडी है उसकी जमीन तैयार करने मे आडवानी जी का सबसे प्रमुख योगदान था।जनसंघ टूटने के बाद अटल.. आडवानी.. जोशी ..सिकंदर बख्त.. भैरो सिह शेखावत जैसे लोगो ने 1980 मे भारतीय जनता पार्टी बनाई थी। उस जमाने मे इंदिरा जैसी शक्तिशाली और कद्दावर नेता के सामने भारतीय राजनीति मे कोई मुकाम हासिल करना हंसी खेल नही था। मगर इन लोगो ने ये चुनौती स्वीकार की। 1984 के आम चुनावो मे कांग्रेस की आंधी के सामने भाजपा को सिर्फ दो सीट मिली थी। फिर कालांतर मे राम जन्मभूमि आंदोलन और रथयात्रा की पृष्ठभूमि मे भाजपा को एक राजनीतिक दल के रूप मे पहचान मिली ..... और इसके चीफ आर्किटेक्ट आडवानी जी ही थे।
आज हम सभी मोदी का सारे दिन यशगान करते है। मगर कितने लोग जानते है कि उनको संघ से भाजपा मे लाने... और फिर गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने मे सिर्फ आडवानी जी का ही हाथ था। गुजरात दंगो के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी मोदी जी को हटाना चाहते थे मगर ये आडवानी जी थे जिन्होने जिद करके उनको मुख्यमंत्री बनाये रखा।
आज मोदी राजनाथ सुषमा जेटली वेंकैया वगैरह जितने भी भी फूल भाजपा रूपी वृक्ष पर खिल रहे है ... उनकी जडो मे आडवानी का पसीना लगा है।
हमे याद रखना चाहिए कि मोदीजी वो खिलाडी है जिन्होने मैच के फाईनल मे शानदार प्रदर्शन किया और मैन ऑफ मैच रहे। मगर फाईनल तक पहुंचाने के लिए लीग स्टेज पर भी कई मैच खेले गये थे जिनमे जीतने के लिए आडवानी जी ने भी बेहतरीन खेल खेला था वो भी विपरीत हालातो मे।
आडवानी जैसे लोग नींव की ईंटे है। हम फादर्स डे पर पिता के सम्मान की बडी पैरोकारी करते है...मगर एक फादर फिगर का इतना माखौल उडाते हमे शर्म भी नही आती. ..।। वो भी तब जब वो आज उम्र के उस पडाव पर है कि कब आंखे मूद ले कोई भरोसा नही।
ये तो वही बात हो गयी..बाप जब बूढ़ा हो जाये तो उसे घर से ही निकाल दो।
नींव की ईटो को मत भूलो...।।
शिव कुमार मिश्र
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