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भारतीय संस्कृति को अपने घरों में तथा घर के सदस्यों में जीवित बनाये रखना बेहद महत्वपूर्ण है -स्वामी चिदानन्द सरस्वती

भारतीय संस्कृति को अपने घरों में तथा घर के सदस्यों  में जीवित बनाये रखना बेहद महत्वपूर्ण है -स्वामी चिदानन्द सरस्वती
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ऋषिकेश/लंदन
परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परमाध्यक्ष एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता श्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने डोरसेट लन्दन मंे हिन्दू जीवन पद्धति विषय पर चल रहे सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा, 'भारतीय संस्कृति को अपने घरों में व घर के सदस्यों में जीवित बनाये रखना बेहद महत्वपूर्ण हैं। जहाँ तक व्यवसायिक जीवन का मामला है तो ब्रिटिश बनना बहुत अच्छी बात है किन्तु अपने घरेलू व्यक्तिगत जीवन में भारतीय बने रहना ही सुनिश्चित करें।'


श्री स्वामी जी ने विदेशों में रह रहे युवाओं को अपनी मातृभाषा बोलने के लिये भी प्रोत्साहित किया। उनकी यह भाषा चाहे हिन्दी हो या गुजराती या अन्य कोई, इसे बोलने के लिये सक्षम होना चाहिये। श्री स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने, स्वामी नारायण गुरूकुल अहमदाबाद के संत पूज्य स्वामी माधवप्रियदास जी को ग्लोबल इण्टर फेथ वाश एलायंश द्वारा संचालित वृक्षारोपण, स्वच्छता एवं वाटर, सैनिटैशन, हाईजीन जैसे कार्यक्रमों के लिये उनकी प्रतिबद्धता एवं सहयोग हेतु उनके प्रति आभार व्यक्त किया।

जीवा सम्मेलन के पश्चात श्री स्वामी माधवप्रियदास जी ने गुजरात के 108 गावों को समग्र स्वच्छता के लिये गोद लिया, जिसके लिये पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने उन्हंे धन्यवाद प्रेषित कर आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी आत्मीय परिजनों को पूज्य स्वामी जी ने पर्यावरण की रक्षा एवं संवर्धन के लिये प्रोत्साहित किया।
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